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रिटायर्ड सीसीएफ को पेंशन भुगतान के आदेश
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट से उस रिटायर्ड सीसीएफ को राहत मिली है, जिन्हें पिछले आदेश के बाद भी नई दर से पेंशन भुगतान नहीं किया रहा था। हाईकोर्ट द्वारा वन विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी (एसीएस) केके सिंह को तलब किए जाने के बाद याचिकाकर्ता को मिलने वाली राशि का भुगतान करने आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस बारे में सरकार की ओर से दिए गए बयान पर जस्टिस संजय यादव व जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने पिछले आदेश का पालन होने पर अवमानना याचिका का निराकरण कर दिया।
भोपाल में रहने वाले चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट के पद से सेवानिवृत्त आरडी शर्मा की ओर से यह अवमानना याचिका दायर की गई है। आवेदक का कहना है कि वे प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट के पद पर पदोन्नत किए गए और 1 जुलाई 1997 को वन विभाग के प्रमुख पद पर भी नियुक्त हुए। इसके बाद 31 दिसम्बर 2001 को वे सेवानिवृत्त हुए। श्री शर्मा का कहना है कि 6वें वेतन आयोग की अनुशंसा पर केन्द्र सरकार ने वर्ष 2008 के नियमों में बदलाव करके 29 जुलाई 2008 को अधिसूचना जारी करके वन विभाग के प्रमुख का वेतनमान बढ़ा दिया। इसका लाभ 1 जनवरी 2006 से पहले रिटायर हो चुके पेंशनरों को भी मिलना था। संशोधन के मुताबिक पेंशन न दिए जाने पर याचिकाकर्ता ने एक याचिका वर्ष 2013 में हाईकोर्ट में दायर की थी। 28 अप्रैल 2017 को हाईकोर्ट ने याचिका मंजूर करके राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि
याचिकाकर्ता को केन्द्र सरकार द्वारा तय वेतनमान के अनुसार ही पेंशन का भुगतान 3 माह में किया जाए। साथ ही बकाया राशि का भुगतान 8 प्रतिशत ब्याज के साथ किया जाए। इस आदेश का पालन न होने पर यह अवमानना याचिका दायर की गई। बीते बुधवार को हाईकोर्ट ने मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए एसीएस को हाजिर होने के निर्देश दिए थे। मामले पर आगे हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता को नई दरों से पेंशन भुगतान के आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेश का पालन होने के मद्देनजर युगलपीठ ने याचिका का निराकरण कर दिया। मामले पर युगलपीठ द्वारा दिए गए विस्तृत आदेश की फिलहाल प्रतीक्षा है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रविनंदन सिंह व अधिवक्ता अक्षय पवार ने पक्ष रखा।
Created On :   24 Nov 2019 11:17 PM IST