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खुले में रखी धान भीगी, ओले से दलहन को नुकसान
डिजिटल डेस्क जबलपुर। बे मौसम बारिश के चलते समर्थन मूल्य पर तुलाई के लिए केन्द्रों में रखी धान भीग गई है। इसके चलते किसान चिंतित हो गए हैं। यदि और बारिश होती है तो धान के खराब होने का भी डर सता रहा है। कहीं गीली धान को नान एफएक्यू बताकर रद्द न कर दिया जाए। जानकारी के अनुसार जबलपुर कृषि उपज मंडी सहित जिले के कई केेन्द्रों में धान तुलाई के लिए लाखों क्विंटल धान खरीदी केन्द्रों पर रखी हुई है।
बारिश से धान बर्बाद, ओले से दलहनी फसल को नुकसान -
भारत कृषक समाज महाकौशल के अध्यक्ष केके अग्रवाल का कहना है कि बारिश से खरीदी केन्द्रों पर रखी धान बर्बाद हो गई है। किसानों से गीली धान को कैसे खरीदा जाएगा। खरीदी धीमी गति से चलने के कारण किसानों को नुकसान हुआ है। केंद्रों में प्रशासन की ओर से तिरपाल व पानी से सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम न होने से किसानों में रोष है, वहीं दलहनी फसलों को भी कई क्षेत्रों में ओले गिरने से नुकसान हुआ है।
प्रशासन ने नहीं किए कोई इंतजाम -
भारतीय किसान संघ के प्रदेश प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल का कहना है कि मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा खरीदी केन्द्रों पर वर्षा से बचाव के कोई भी इन्तजाम नहीं किये गए। संघ का कहना है कि जिन किसानों के एसएमएस लेप्स हो गये हैं उन्हें पुन: भेजे जाएँ। संघ के प्रहलाद पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि धान खरीदी केंद्रों में सर्वेयरों की एफएक्यू के नाम वसूली हो रही है। संघ के पगजराज सिंह ने बताया कि प्रांत के अनेक जिलों में ओलावृष्टि के कारण मटर व सब्जी उत्पादक किसानों की फसल चौपट हो गई है। किसानों का सर्वे कराकर मुआवजा घोषित किया जाए।
Created On :   28 Dec 2021 11:18 PM IST