जब छात्र से कलाम ने कहा, ''मेरी सफलता के पीछे मां का अशीर्वाद''
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2015 का वह दिन जब मिसाइल मैन डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम (A. P. J. Abdul Kalam) शिलाॅंग में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब दिए, साथ ही कहा, आज हम कुछ नया सीखेंगे...इतना कहते ही वे अचानक गिर पड़े और पूरे हाॅल में सन्नाटा पसर गया। मिसाइल मैन अब दुनिया को अलविदा कह चुके थे। हाॅल का सन्नाटा पूरे देश में फैलने में देर नहीं लगी। हर कोई टीवी, न्यूज देखने के लिए दौड़ा, कब हुआ, कैसे...यही सवाल।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की दूसरी पुण्यतिथि पर तमिलनाडु के रामेश्वरम् में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन किया। इस स्मारक का निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने किया है। आज हम उनकी पुण्यतिथि पर कुछ ऐसी यादों को ताजा कर रहे हैं जो आपकी आंखें नम कर देंगे...
5 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गांव (रामेश्वरम, तमिलनाडु)में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में इनका जन्म हुआ था। इनके पिता जैनुलाब्दीन न तो ज़्यादा पढ़े-लिखे थेए न ही पैसे वाले। वे मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे। कलाम का परिवार काफी बड़ा था और वे ज्वाइंट फैमिली में रहते थे। स्वयं उनके 5 भाई व 5 बहने थे।
अब्दुल कलाम के जीवन पर इनके पिता का बहुत प्रभाव रहा। वे बचपन में उनके साथ घर के पास ही स्थित मस्जिद में नजाम पढ़ने जाया करते थे।
5 वर्ष की आयु में रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय में उनका दीक्षा-संस्कार हुआ था। उनके शिक्षक इयादुराई सोलोमन ने उनसे कहा था कि जीवन मे सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छाए आस्थाए अपेक्षा इन तीन शक्तियों को अच्छी तरह समझ लेना बेहद आवश्यक है।
शुरूआती शिक्षा प्राप्त करने कलाम ने अखबार वितरित करने का भी काम किया। स्कूल में साल दर साल वे आगे बढ़ते गए। स्कूल में एक बार गणित में अंकों को देखते उनके टीचर ने कहा था, ये लड़का एक दिन स्कूल का नाम बहुत ऊंचा करेगा, उनकी कल्पना आईएएस, आईएस या उच्च सरकारी अधिकारी तक की थी, लेकिन उन्होंने ये नहीं सोचा था कि ये बच्चा एक दिन मिसाइल मैन बनेगा।
कलाम को संगीत का बहुत शौक था, उनके पास टीवी नहीं था, लेकिन वे वीणा बहुत अच्छा बजाते थे। जिस घर में वे रहते थे वहां भी आधुनिक सुविधाओं की कोई चीज मौजूद नही थी। कलाम बड़ा ही साधारण जीवन जीते थे।
एक बार एक लेक्चर के दौरान छात्र ने उनसे पूछा, हर पुरुष की सफलता के पीछे एक महिला का हाथ होता है आपकी सफलता के पीछे कौन है...कलाम ने हंसते हुए जवाब दिया, मेरी सफलता के पीछे मेरी मां का आशीर्वाद है।
Created On :   27 July 2017 12:30 PM IST