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पीएमसी घोटाला : हाईकोर्ट ने वकीलों से कहा - हम कोई जादूगर नहीं, खाताधारकों को न दो झूठी तसल्ली
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि कोर्ट कोई जादुगर नहीं है इसलिए खाता धारकों को झूठी आशाएं न बधाई जाए। सोमवार को यह टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) से जानना चाहा है कि उसने पंजाब महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक(पीएमसी) के खाताधारकों के हित के संरक्षण के लिए कौन से कदम उठाए हैं।
न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने पीएमसी के खाताधारकों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में मांग की गई है कि आरबीआई द्वारा बैंक से पैसे निकालने के संबंध में तय की गई सीमा को बढाया जाए। आरबीआई की ओर से तय की गई सीमा के तहत खाता धारक अपने खाते से 40 हजार रुपए से अधिक रकम नहीं निकाल सकते। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल हम जानना चाहते हैं कि आरबीआई इस मामले में क्या कर रहा है?
इस दौरान एक खाताधारक के वकील ने आग्रह किया कि उनके मुवक्किल को अपने बैंक लाकर को खोलने की इजाजत दी जाए। जिसे खंडपीठ ने अस्वीकार कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि यदि खाताधाराक को बैंक से कोई परेशानी है तो वह बैंक के खिलाफ मुकदमा दायर करें। यदि आरबीआई ने खाताधारकों को बैंक से दूर रहने को कहा है तो वे आरबीआई के निर्देशों का पालन करे। हम इस विषय पर कुछ नहीं कर सकते।
खंडपीठ ने कहा कि ऐसे मामलों के लिए आरबीआई विशेषज्ञ संस्था है। वह बैंको का बैंक है। फिलहाल हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। वित्तीय मामले को सिर्फ आरबीआई सही ढंग से परख सकता है कोर्ट नहीं। खंडपीठ ने मामले में अतंरिम आदेश जारी करने से इंकार करते हुए इस मामले में आरबीआई को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि वकील इस मामले को लेकर कई याचिकाएं न दायर करें। हम कोई जादूगर नहीं हैं लिहाजा खाताधारकों को कोई झूठी तसल्ली न दी जाए। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 19 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   4 Nov 2019 6:09 PM IST