संक्रमण रोकना जरूरी : ओपीडी में मरीजों में छह फीट, वार्ड के बेड में दस फीट की दूरी चाहिए

Prevent infection six feet in opd patients ten feet distance in the bed of the ward is required
संक्रमण रोकना जरूरी : ओपीडी में मरीजों में छह फीट, वार्ड के बेड में दस फीट की दूरी चाहिए
संक्रमण रोकना जरूरी : ओपीडी में मरीजों में छह फीट, वार्ड के बेड में दस फीट की दूरी चाहिए

 डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वास्थ्य आपातकाल के समय डॉक्टर वॉरियर्स की तरह हर परिस्थिति से जूझने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे समय में ओपीडी और अस्पतालों में वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन के प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है। डॉ. सुनील बजाज ने बताया कि ओपीडी में मरीजों के बीच छह फीट का फासला रखकर संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। इसी तरह वार्ड में बेड के बीच दस फीट की दूरी रखी जानी चाहिए। 

इस समय में हमें और मुस्तैद  रहने की जरूरत है
ऐसे समय में स्वास्थ्य सेवा को ज्यादा से ज्यादा मुस्तैद रहने की जरूरत है। लोगों को ओपीडी पहुंचने से रोका नहीं जा सकता है। ओपीडी में भीड़ बढ़ने की भी संभावना है। ऐसे में समय लेकर ओपीडी आने की व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। ऐसे में एक ही समय में ज्यादा मरीजों को जमा होने से रोका जा सकता है। 

मरीजों को संक्रमण का खतरा अधिक
डॉ. बजाज के अनुसार, ओपीडी पहुंचने वाले अधिकतर लोग किसी न किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे होते हैं। उन्हें संक्रमण का खतरा सामान्य से अधिक होता है। ऐसे में इस जगहों पर ज्यादा सावधानी की जरूरत है। भले ही हाथ धोकर लोग अंदर आएं, लेकिन पास-पास बैठने से संक्रमण फैल सकता है। 

दो दिन में ही नहीं होता है इम्यून सिस्टम अच्छा
इम्यून सिस्टम को मतबूत करने में विटामिन सी से भरपूर फल, हरी सब्जियां और संतुलित आहार अहम भूमिका निभाते हैं। डॉ. अविनाश गावंडे के अनुसार बेहतर इम्यून सिस्टम वालों को कोराेना के संक्रमण से खतरा अपेक्षाकृत कम है, लेकिन आज संतरा या नींबू खाने से कल कोरोना से बचाव संभव नहीं है। मानव शरीर में राेग प्रतिरोधक शक्ति एक दिन या एक सप्ताह में मजबूत नहीं होती है। इसका फायदा उनको होगा, जिन्होंने जीवनशैली में संतुलित आहार को शामिल किया है। 

खुले में थूकना खतरनाक
डॉ. अविनाश गावंडे के अनुसार, खुले में थूकने की आदत खतरनाक साबित हो सकती है। कोरोना संपर्क जन्य बीमारी है। यह थूक और म्यूकस के जरिए दूसरों तक पहुंच सकती है। अगर कोई व्यक्ति संक्रमित हो, लेकिन उसकी अब तक जांच नहीं हुई हो, वह खुले में थूकता है तो संक्रमण कई लोगों तक पहुंच सकता है। कोरोना के अलावा अन्य संसर्ग जन्य बीमारियों में भी यह खतरनाक साबित होता है।

Created On :   20 March 2020 2:13 PM IST

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