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अब जेल में कैदियों को भी मिलेगा स्पेशल डॉक्टरी इलाज, 29 से शुरुआत

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जेल में बंद बंदियों को अब स्पेशल डॉक्टरों का इलाज मिलेगा। बंदियों को खराब इलाज मिलने की लगातार शिकायतों पर हाईकोर्ट के जस्टिस आरएस झा की पहल पर राज्य सरकार ने स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की एक टीम गठित की है। पहले जिला, फिर संभाग और उसके बाद पूरे राज्य स्तर पर टीम जेलों में जाकर बंदियों का इलाज करेंगी। इसकी शुरुआत जबलपुर के सेन्ट्रल जेल में आगामी 29 अगस्त को होगी।
सूत्रों के अनुसार बंदियों को जेल में मिलने वाले इलाज की शिकायतें पिछले काफी अरसे से सामने आ रहीं थीं। जब बात हाईकोर्ट के जस्टिस व हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस आरएस झा तक पहुंची तो उन्होंने बंदियों की पीड़ा समझी। लीगल सर्विस कमेटी के माध्यम से 10 अगस्त 2017 को एक पत्र MP की स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. पल्लवी जैन गोविल को भेजा गया। पत्र में कहा गया कि वे तत्काल स्पेशल डॉक्टरों की टीम गठित करें, ताकि जेल की चहारदीवारी में बंद बंदियों को बेहतर इलाज मिल सके।
6 स्पेशल डॉक्टरों की टीम बनी
डॉ. जैन ने भी लीगल सर्विस कमेटी से मिली पत्र पर त्वरित कार्रवाई की। उनके निर्देश पर स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर के क्षेत्रीय संचालक ने 21 अगस्त को डॉ. एसके पाण्डेय को नोडल अधिकारी नियुक्त करके एक टीम गठित की। टीम में डॉ. आरके चौधरी, डॉ. रत्नेश कुररिया, डॉ. अमरराज सोनकर, डॉ. पंकज ग्रोवर और डॉ. नीता पाराशर को शामिल किया।
ECG के साथ जाएगी टीम
स्पेशल डॉक्टरों की टीम में दो नर्सों के साथ मोती रजक भी ECG मशीन लेकर 29 अगस्त को सेन्ट्रल जेल जाएंगे। सुबह साढ़े 10 बजे से यह टीम जेल में आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में बंदियों का परीक्षण करेगी।
फॉलोअप के लिए हाईकोर्ट से भी जाएगी टीम
पता चला है कि जेल में बंदियों के होने वाले परीक्षण का फॉलोअप एक्शन लेने हाईकोर्ट से भी अधिकारियों व कर्मचारियों की भी एक टीम सेन्ट्रल जेल जाएगी। वहां पर जो भी कमियां सामने आएंगी, उनको दूसरी जेल में आयोजित होने वाले स्वास्थ्य परीक्षण शिविर से पहले दूर किया जाएगा।
पहले जबलपुर, फिर पूरा प्रदेश
हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के रजिस्ट्रार विजय चंद्रा ने कहा कि बंदियों को जेल में ही स्पेशल डॉक्टरों से इलाज दिलाने की शुरुआत जबलपुर से की जा रही है। इसके बाद ऐसे ही शिविर प्रदेश भर की जेलों में लगाए जाएंगे, ताकि बंदियों को बेहतर से बेहतर इलाज मिल सके।
Created On :   24 Aug 2017 4:42 PM IST