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महाराष्ट्र की तर्ज पर निजी अस्पतालों का हो ऑडिट
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोर्ट मित्र ने हाई कोर्ट को सुझाव दिया कि महाराष्ट्र की तर्ज पर मध्य प्रदेश के निजी अस्पतालों का ऑडिट किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र सरकार ने ऑडिट के जरिए निजी अस्पतालों से मरीजों को 18 करोड़ रुपए वापस कराए हैं। राज्य सरकार ने 3 सितंबर 2020 को आदेश जारी किया था कि निजी अस्पताल 29 फरवरी 2020 के शेड्यूल रेट से 40 प्रतिशत अधिक चार्ज कर सकते हैं। 3 सितंबर 2020 से लेकर 30 मई 2021 तक राज्य सरकार को बताना था इस 9 महीने के दौरान आदेश का कितना पालन किया गया।
सरकार के रेट, बड़े अस्पतालों से भी ज्यादा
कोर्ट मित्र ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 30 मई 2021 को निजी अस्पतालों के तय रेट प्रदेश के बड़े अस्पतालों के वर्तमान रेट से भी ज्यादा है। इसके साथ ही सरकार ने हर श्रेणी के अस्पताल के एक समान रेट तय कर दिए हैं। इससे बड़े और छोटे शहरों के अस्पतालों के रेट एक समान हो गए हैं।
सीटी स्कैन मशीन लगाने की समय-सीमा तय हो
डिवीजन बैंच में आपत्ति दायर कर कहा गया है कि राज्य सरकार ने अपने जवाब में बताया है कि प्रदेश के 52 जिलों में से केवल 14 जिलों के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाई गई है। शेष 38 जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का काम चल रहा है। सरकार को सीटी स्कैन मशीन लगाने की समय-सीमा तय करना चाहिए।
तीसरी लहर की तैयारी बच्चों तक सीमित क्यों
कोर्ट मित्र ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के लिए सरकार केवल उपलब्ध संसाधनों में फेरबदल कर बच्चों के वार्ड बना रही है। नया कुछ नहीं किया जा रहा है। डिवीजन बैंच में आपत्ति दायर कर कहा गया कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए चिकित्सकों और तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति की जानी चाहिए, ताकि लोगों को आसानी से इलाज मिल सके।
Created On :   11 Jun 2021 2:08 PM IST