रेलवे ने किया पौधारोपण, आगे बढ़कर प्राकृतिक संरक्षण के लिए कार्य करें - आपटे

Railways did plantation, go ahead and work for natural conservation - Apte
रेलवे ने किया पौधारोपण, आगे बढ़कर प्राकृतिक संरक्षण के लिए कार्य करें - आपटे
रेलवे ने किया पौधारोपण, आगे बढ़कर प्राकृतिक संरक्षण के लिए कार्य करें - आपटे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्य रेल नागपुर मंडल ने विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में मंडल रेल प्रबंधक सोमेश कुमार के हाथों पौधारोपण किया गया। पर्यावरण संरक्षण हेतु नागपुर मंडल के विविध स्टेशन पर तथा मंडल के डिपो में पौधे लगाए गए। इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक जय सिंह,   वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कृष्णाथ पाटील, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक आशुतोष श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता अखिलेश चौबे एवं रेल कर्मचारी उपस्थित थे।

आगे बढ़कर प्राकृतिक संरक्षण के लिए कार्य करें : डॉ. आपटे

उधर एक कार्यक्रम में डॉ. आपटे ने कहा कि हमने अधिक समय बाघ पर केन्द्रित कर अन्य प्रजातियों की अनदेखी की है। अब समय आ गया है कि प्रजाति विशेष संरक्षण परियोजनाओं से आगे बढ़कर प्राकृतिक संरक्षण के लिए कार्य करें, ताकि संपूर्ण प्रजातियों को बचाया जा सके। यह बात बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के निदेशक डॉ. दीपक आपटे ने कही। विश्व पर्यावरण दिवस पर राष्ट्रीय पर्यावरण अभियंत्रिकी अनुसंधान (सीएसआईआर-नीरी) तथा विज्ञान भारती संस्था के संयुक्त तत्वावधान में पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। ‘शहरी जैवविविधता और जैवविविधता को लेकर सामाजिक एकीकरण’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में डॉ. दीपक आपटे, प्रो. अनिंद्य सिन्हा, प्रो. पी. पी. बाकरे, जयंत सहस्त्रबुद्धे और आर. डी. जकाती सहभागी हुए। नीरी के निदेशक डॉ. राकेश कुमार ने संस्थान के महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने विदर्भ की बंजर भूमि को उपजाऊ भूमि में तब्दील करने वाली परियोजनाओं के बारे में बताया। प्रो. सिन्हा ने जैवविविधता संरक्षण के चुनौतियों को उजागर किया। 

पंछी महत्वपूर्ण घटक हैं

पैनल चर्चा में प्रो. बाकरे ने कहा कि शहरी जैवविविधता में पंछी महत्वपूर्ण घटक हैं, जिनके पंखों द्वारा वायु प्रदूषण का पता लगाया जा सकता है। श्री सहस्त्रबुद्धे ने बच्चों में जैवविविधता संरक्षण को लेकर रुचि उत्पन्न करने और प्रेरित करने पर बल दिया। डॉ. जकाती ने कहा कि विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में समय-समय पर जैवविविधता सर्वेक्षण किए जाने चाहिए। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की संयोजक प्रधान वैज्ञानिक नीरी डॉ. आत्या कपले, डॉ. राजेश बिनिवाले शामिल हुए।  डॉ. शालिनी ध्यानी ने रमन विज्ञान केन्द्र में जैवविविधता पर विद्यार्थियों से बातचीत की। विज्ञान भारती के नरेश चाफेकर ने आभार प्रकट किया।
 

Created On :   7 Jun 2020 3:40 PM IST

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