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राजकीय सम्मान के साथ पंच तत्वों में विलीन हुए महाधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। प्रदेश के महाधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी सोमवार को पंचतत्वों में विलीन हो गए। इसके पूर्व उन्हें राजकीय सम्मान के साथ रानीताल मुक्तिधाम में अंतिम विदाई दी गई। उनके पुत्र उदयन तिवारी ने उन्हें मुखाग्नि दी।
तिवारी का 4 मई को रात 10.30 बजे गुडगांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर सोमवार सुबह 5 बजे सड़क मार्ग से जबलपुर लाया गया था। सोमवार शाम 4 बजे श्री तिवारी की अंतिम यात्रा उनके नेपियर टाउन स्थित निवास से रानीताल मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई। शव यात्रा रवाना होने के पहले पुलिस कर्मियों ने उन्हें सलामी दी। शाम 4.30 बजे अंतिम यात्रा रानीताल पहुंची।
मुक्तिधाम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एम. सप्रे, मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एसके सेठ, जस्टिस जेके माहेश्वरी, जस्टिस नंदिता दुबे, जस्टिस सुजय पॉल, जस्टिस विजय शुक्ला, जस्टिस मोहम्मद फहीम अनवर, पूर्व एक्टिंग चीफ जस्टिस केके लाहोटी, राज्य सभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा, अतिरिक्त महाधिवक्ता शशांक शेखर, वित्त मंत्री तरूण भानोत, सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया, विधायक विनय सक्सेना, विधायक संजय यादव, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमन पटेल और सचिव मनीष तिवारी, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक और सचिव राजेश तिवारी, नगर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यादव सहित परिजनों ने श्री तिवारी को पुष्पचक्र अर्पित कर अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार में संभागायुक्त राजेश बहुगुणा, कलेक्टर छवि भारद्वाज और पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल भी मौजूद थे।
हवाई फायर कर दी गई सलामी-
अंतिम संस्कार के पूर्व पुलिस कर्मियों ने तीन-तीन राउंड हवाई फायरिंग कर श्री तिवारी को अंतिम सलामी दी और शोक धुन बजाई। इसके बाद उनके पुत्र उदयन तिवारी ने मुखाग्नि दी। देखते ही देखते श्री तिवारी का पार्थिव शरीर पंचतत्वों में विलीन हो गया।
निवास स्थल में लगा लोगों का तांता-
श्री तिवारी के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही उनके नेपियर टाउन स्थित निवास पर लोगों का तांता लगना शुरू हो गया था। हालत यह थी कि उनके निवास पर पैर रखने के लिए जगह नहीं थी। होमसाइंस कॉलेज रोड पर दिन भर जाम की स्थिति बनी रही। पुलिस कर्मी की मौजूदगी के बाद भी बार-बार जाम लगता रहा।
पिता तुल्य स्नेह करते थे श्री तिवारी-
अंतिम संस्कार के बाद आयोजित शोक सभा को संबोधित करते हुए राज्य सभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने कहा कि श्री तिवारी प्रदेश ही नहीं देश के योग्य विधिवेत्ता थे। वे चार भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्हें कई विधाओं में महारत हासिल थी। उन्हें बाल्यावस्था से ही श्री तिवारी का पिता-तुल्य स्नेह मिलता रहा। क्राइस्ट चर्च स्कूल में श्री तिवारी उनके संस्कृत के टीचर थे। विधि व्यवसाय में भी हमेशा श्री तिवारी का मार्गदर्शन मिलता रहा। इस दुख की घड़ी में हम सभी तिवारी परिवार के साथ है।
सूना हो गया विधि जगत-
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमन पटेल ने कहा कि श्री तिवारी शहर की शान थे। उनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती है। उनके बिना शहर और अधिवक्ता समुदाय सूना हो गया है।
हाईकोर्ट में लंच तक हुआ काम-
हाईकोर्ट में सोमवार को श्री तिवारी अंतिम संस्कार की वजह से लंच तक यानी दोपहर 1.30 बजे तक ही काम हुआ। लंच के बाद न्यायाधीश और अधिवक्ता अंतिम संस्कार में शामिल होने रानीताल मुक्तिधाम पहुंचे। हाईकोर्ट के साउथ ब्लॉक में 7 मई को सुबह 11.30 बजे से श्री तिवारी के निधन पर शोक सभा आयोजित की गई है।
Created On :   6 May 2019 8:53 PM IST