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रेमडेसिविर कालाबाजारी का मामला: पाँच हजार में बेचता था आयुष की फर्जी डिग्री
एसटीएफ के सामने जालसाज ने उगला सच, अभी और खुलेंगे राज
डिजिटल डेस्क जबलपुर। कोरोना संक्रमण मरीजों के इलाज में उपयोगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में पकड़े गये दो चिकित्सकों की डिग्री फर्जी पाई जाने के मामले में एसटीएफ ने पतासाजी करते हुए फर्जी डिग्री बनाकर बेचने वाले जालसाज रवि पटैल को दमोह के केवलारी ग्राम से दबोचकर उसके पास से फर्जी दस्तावेज व कम्प्यूटर आदि जब्त किये हैं। जालसाज से की गई पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि वह 5-5 हजार में आयुष की डिग्री बेचता था। उसने ही आशीष अस्पताल के डॉक्टर नीरज साहू को बीएएमएस की फर्जी डिग्री बनाकर दी थी।
ज्ञात हो कि विगत 19 अप्रैल को रेमडेसिविर की कालाबाजारी की जाने की सूचना पर एसटीएफ ने गढ़ा गंगा नगर निवासी राहुल विश्वकर्मा, सुधीर सोनी व संस्कारधानी हॉस्पिटल के पैथालॉजी कर्मी राकेश मालवीय, आशीष हॉस्पिटल के डॉ. नीरज साहू, लाइफ मेडिसिटी के डॉ. जितेंद्र ठाकुर को पकड़ा था। वहीं ओमती पुलिस ने नरेश ठाकुर व अन्य को पकड़ा था। जाँच के दौरान डॉ. नीरज साहू व नरेश ठाकुर की डिग्री फर्जी होना पाया गया था। जाँच में दोनों के द्वारा दमोह से आयुष संबंधी बीएएमएस, बीएचएमएस के फर्जी दस्तावेज बनवाने का पता चला था। आरोपियों से पूछताछ के बाद एसटीएफ की टीम ने दमोह केवलारी से रवि पटैल को पकड़ा है। उससे पूछताछ कर यह पता लगाया जा रहा है कि उसने अब तक कितने लोगों को फर्जी डिग्रियाँ बनाकर बेची हैं।
Created On :   29 Jun 2021 10:43 PM IST