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आंगनबाड़ी बिल्डिंग के निर्माण विवाद का करो निराकरण
डिजिटल डेस्क जबलपुर । चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बैंच ने होशंगाबाद जिले की सिवनी मालवा तहसील के ग्राम खरदा (बीजापुर टोला) के खसरा नं. 225 के बजाए नदी किनारे आंगनबाड़ी की बिल्डिंग का निर्माण किए जाने के विवाद का निराकरण एक माह में करने के आदेश वहां के कलेक्टर को दिए हैं। खरदा निवासी सज्जन कुमार व अन्य की ओर से दायर इस याचिका में राहत चाही गई थी कि बिल्डिंग का निर्माण चिन्हित जगह पर ही किया जाए और जिन्होंने जगह बदलने की कोशिश की,
उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभय गुप्ता ने पक्ष रखा। बिजली नियामक आयोग के सचिव की नियुक्ति संबंधी याचिका खारिज चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बैंच ने बिजली नियामक आयोग में सचिव पद पर शैलेन्द्र सक्सेना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने के
कारण खारिज कर दी है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान आयोग के पूर्व भृत्य अर्जुन कुमार पंचेश्वर के अधिवक्ता सौरभ सुन्दर का कहना था कि वे कानून में उपलब्ध विकल्पों के तहत विधि अनुसार कार्रवाई करने याचिका वापस लेना चाहते हैं।
ट्रांसजेंडरों की सुध लेगी सरकार
इन्दौर के एक सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका पर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बैंच के समक्ष राज्य सरकार की ओर से आश्वस्त किया गया है कि प्रदेश में रहने वाले ट्रांसजेंडरों की पूरी सुध ली जाएगी। मामले पर जवाब पेश करने के लिए युगलपीठ ने 15 जून तक का समय देकर अगली सुनवाई 17 जून को निर्धारित की है। इन्दौर की संध्या (संदीप कुमार घवरी) की ओर से दायर की गई इस याचिका में आरोप है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में करीब 30 हजार ट्रांसजेंडर रह रहे हैं। इन्दौर में करीब 3 हजार ट्रांसजेंडर हैं, जो रोज कमाने खाने वाले हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनके सामने भूखे मरने की नौबत है। याचिका में आरोप है कि याचिकाकर्ता ने
इस बारे में वहां के कलेक्टर से भी शिकायत की, उसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शन्नो शागुफ्ता खान और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता ए राजेश्वर राव ने पक्ष रखा।
Created On :   2 Jun 2020 3:45 PM IST