पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम और भर्ती प्रक्रिया पर रोक

Results of preliminary examinations of PSC and recruitment process banned
पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम और भर्ती प्रक्रिया पर रोक
पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम और भर्ती प्रक्रिया पर रोक

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने शुक्रवार देर शाम एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने भर्ती प्रक्रिया को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रखने का आदेश दिया है। डिवीजन बैंच ने राज्य शासन और पीएससी को 4 फरवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया है। सपाक्स और चेतन चौहान एवं अन्य की ओर से याचिका दायर कर कहा है कि  21 दिसम्बर 2020 को जारी पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में आरक्षण प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। परीक्षा परिणाम में अनारक्षित वर्ग को 40 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत, एससी को 16 प्रतिशत, एसटी को 20 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत यानी कुल 113 प्रतिशत आरक्षण दे दिया गया है। याचिका में कहा गया कि मेरिट में आने आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अनारक्षित श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। इसकी वजह से अनारक्षित और ओबीसी वर्ग के कट ऑफ मॉक्र्स एक समान हो गए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, रामेश्वर पी. सिंह और विनायक शाह ने कहा कि पीएससी ने सिविल सेवा नियम 2015 में किए गए संशोधनों को भूतलक्षी प्रभाव से लागू कर दिया है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने इस मामले में निर्णय सुरक्षित रखा था, शुक्रवार देर शाम डिवीजन बैंच ने पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।


 

Created On :   23 Jan 2021 6:32 PM IST

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