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खुलासा: बालाघाट के किरनापुर में करंट लगाकर कर रहे टाइगर का शिकार, आरोपी गिरफ्तार
-शिकारियों से खाल बरामद, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाल और अवशेष की कीमत 50 लाख रुपए
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। कुंडीपुरा पुलिस ने ग्राहक बनकर टाइगर की खाल, नाखून, दांत और हड्डियों का दस लाख रुपए में शिकारियों से सौदा किया। पुलिस के जाल में फंसे शिकारी खाल की डिलेवरी करने सोमवार को छिंदवाड़ा पहुंचे थे। घाटपरासिया के पास घात लगाए बैठी पुलिस टीम ने बालाघाट निवासी तीन शिकारियों को दबोच लिया। शिकारियों ने बालाघाट के किरनापुर से लगे जंगल में करंट फैलाकर टाइगर का शिकार किया था। जब्त खाल और अवशेष की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग 50 लाख रुपए आंकी जा रही है।
पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल ने बताया कि सूचना मिली थी कि कुछ लोग टाइगर की खाल बेचने की फिराक में है। पुलिस टीम ने उनसे संपर्क साधा और दस लाख रुपए में खाल का सौदा तय किया था। सोमवार को बालाघाट के ग्राम गोदरी निवासी 23 वर्षीय धर्मेन्द्र पिता मानसिंह तेकाम, बटामा निवासी 32 वर्षीय परदेशी पिता राधेलाल उके और 25 वर्षीय अरविंद पिता लिखीराम मड़ावी बाइक से खाल और अवशेष लेकर छिंदवाड़ा आए थे। घाटपरासिया के समीप पुलिस टीम ने घेराबंदी कर शिकारियों को खाल समेत दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 15 से 20 दिन पूर्व बालाघाट किरनापुर से लगे जंगल में करंट फैलाकर टाइगर का शिकार किया गया है। टाइगर के शिकार में दो अन्य आरोपी शामिल है। जिनकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ वन्यप्राणी अधिनियम की धारा 9/51 के तहत मामला दर्ज किया है।
पशु चिकित्सक और फॉरेस्ट की टीम ने की जांच-
कुंडीपुरा पुलिस टीम ने जब्त खाल और अवशेषों की जांच पशु चिकित्सक और फॉरेस्ट टीम से कराई है। पशु चिकित्सक डॉ.प्राची चड्डा ने बताया कि खाल संभावित बाघ की ही है। इसकी पुष्टि के लिए बायोकेमिकल जांच कराई जाएगी। इसके लिए खाल जबलपुर या देहरादून लैब भेजी जाएगी। कार्रवाई में खाल, पैर की दो हड्डी, दो पंजे, नाखून और दो दांत जब्त किए गए है।
Created On :   6 July 2021 9:55 PM IST