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आरपीएफ की महिला आरक्षक ने फाँसी लगाकर की आत्महत्या
डिजिटल डेस्क जबलपुर। आरपीएफ पुलिस चौकी मदन महल में पदस्थ महिला आरक्षक ने देर रात मदन महल स्टेशन से लगे अपने बैरक में फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार की रात 12 बजे के बाद से महिला आरक्षक का फोन बंद हो गया था। जिसके कारण उसके रिश्तेदारों ने बैरक के समीप रहने वाली महिला सबइंस्पेक्टर से संपर्क किया। महिला एसआई जैसे ही बैरक पहुँची तो अंदर आरक्षक फंदे पर मृत हालत में झूल रही थी। देर रात जानकारी लगने पर आरपीएफ पोस्ट प्रभारी इरफान मंसूरी के साथ कई अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुँचे। सूचना िमलने पर मदन महल पुलिस ने घटनास्थल का िनरीक्षण किया और शव को पीएम के लिए मेडिकल अस्पताल भिजवाया। पुलिस को बैरक से महिला आरक्षक द्वारा लिखी गई एक डायरी मिली है, जिसमें उसने अपनी नाना-नानी के बाद दादी के निधन से जुड़ी इमोशनल बातें लिखी हैं। इसलिए पुलिस इसे भावनात्मक कारणों से आत्महत्या करने का मामला मान रही है। हालाँकि पुलिस का कहना है िक पीएम रिपोर्ट और िवस्तृत छानबीन के बाद ही वास्तविकता सामने आएगी।
मदन महल थाना प्रभारी नीरज वर्मा ने बताया िक मदन महल स्टेशन के समीप बने आरपीएफ के बैरक में रहने वाली महिला आरक्षक 23 वर्षीय गुडिय़ा यादव ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गुडिय़ा मूलत: सुल्तानपुर यूपी की रहने वाली थी। लेकिन काफी साल पहले वह अपने दादा-दादी के पास भोपाल में आकर रहने लगी। भोपाल में पढ़ाई करने के बाद 18 माह पूर्व उसका आरपीएफ में उसका िसलेक्शन हो गया। करीब एक साल से वह जबलपुर पोस्ट में तैनात हुई थी।
भाभी के भाई से की आखिरी बार बात
गुडिय़ा के बैरक के पास क्वार्टर में रहने वाली महिला सबइंस्पेक्टर ने पुलिस को बताया िक 12 बजे तक उसने गुडिय़ा को किसी से मोबाइल पर बात करते हुए देखा था। लेकिन रात 1 बजे महिला एसआई के पास गुडिय़ा की भाभी के भाई आशीष यादव का फोन आया। आशीष ने बताया िक 12 बजे तक गुडिय़ा ने उससे बात की थी, लेकिन इसके बाद अचानक उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। आशीष से बात करते हुए महिला एसआई गुडिय़ा की बैरक पहुँची तो वो फंदे पर झूलती हुई दिखी।
डायरी के चार पन्नों में लिखीं इमोशनल बातें
टीआई वर्मा ने बताया िक गुडिय़ा के बैरक से एक डायरी मिली है, िजसके चार पन्नों में उसने परिवार के बुजुर्गों से जुड़ी कई इमोशनल बातें लिखी हैं। पहले दो पन्नों में बचपन से नाना-नानी और दादा-दादी के साथ गुजारे हुए िदनों की बातें लिखी हुई थीं। लेकिन अंतिम दो पन्नों में अपनी दादी के निधन के बाद खुद के काफी िडप्रेशन में होने की बात लिखी थी। डायरी में िलखी बातों के िहसाब से पुलिस का मानना है िक गुडिय़ा का सबसे ज्यादा अटैचमेंट अपनी दादी से था, जिसे वो माई कहती थी। श्री वर्मा के अनुसार गुडिय़ा के मोबाइल को ऑन करने पर उसका पासवर्ड पता नहीं होने के कारण िफलहाल मोबाइल की जाँच नहीं हो पाई है। श्री वर्मा के अनुसार फिलहाल मर्ग कायम कर िवस्तृत छानबीन की जा रही है।
Created On :   9 Feb 2022 10:47 PM IST