छह साल में रेत चोरों से वसूला 19.66 करोड़ रुपए का जुर्माना
डिजिटल डेस्क, नागपुर. राजस्व विभाग ने पिछले छह साल में रेत चोरी के 4905 मामले पकड़े आैर 19 करोड़ 65 लाख 91 हजार 695 रुपए का जुर्माना वसूल किया। 1044 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह खुलासा आरटीआई में हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार राजस्व विभाग ने 2016 में रेत चोरी के 1437 मामले पकड़कर 2 करोड़ 11 लाख 43 बदाप 623 रुपए का जुर्माना वसूला। 224 मामलों में अपराध दर्ज कर 368 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 52 वाहन जब्त किए गए। वर्ष 2017 में 1256 मामले पकड़े आैर 4 करोड़ 98 लाख 5761 रुपए का जुर्माना वसूला। 133 मामलों में अपराध दर्ज कर 165 आरोपियों को गिरफ्तार किया। वर्ष 2018 में 998 मामले पकड़े आैर 2 करोड़ 23 लाख 26 हजार 28 रुपए जुर्माना वसूला। 158 मामले दर्ज कर 284 आरोपियों को गिरफ्तार किया। वर्ष 2019 में 635 मामले पकड़े आैर 2 करोड़ 85 लाख 61736 रुपए का जुर्माना वसूला। 92 मामलों में अपराध दर्ज कर 187 आरोपियों को गिरफ्तार किया। वर्ष 2021 में रेत चोरी के 254 मामले पकड़े आैर 2 करोड़ 3 लाख 17743 रुपए का जुर्माना वसूला। 13 मामलों में एफआईआर कर 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों से 7 वाहन जब्त किए गए। वर्ष 2022 में 325 मामलेे पकड़े आैर 5 करोड़ 44 लाख 36504 रुपए जुर्माना वसूला। 28 मामलों में अपराध दर्ज कर 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 9 वाहन भी जब्त किए गए थे।
इस प्रकार लगता है जुर्माना
राजस्व िवभाग नियमानुसार प्रति क्यूबिक फीट पर 6 रुपए रॉयल्टी लेता है। नियमों का उल्लंघन कर पकड़े जाने पर राजस्व विभाग 9 रुपए 80 पैसे प्रति क्यूबिक फीट के हिसाब से जुर्माना लगाता है। तय क्यूबिक से ज्यादा रेत लोड करने पर आरटीआे जुर्माना वसूलता हैै। आरटीआे आेवरलोड गाड़ी पर 6500 रुपए पहले टन के लिए जुर्माना लेता है। दूसरे टन के लिए 4500 रुपए जुर्माना वसूला जाता है।
शीतसत्र में भी उठा मुद्दा
रेत चोरी का मुद्दा शीत सत्र में भी उठा था। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने 2 हजार करोड़ का रेत चोरी घोटाला होने का दावा करते हुए विशेष जांच दल से मामले की जांच करने की मांग सरकार से की थी। नेताआें के साथ ही तत्कालीन जिलाधीश व विभागीय आयुक्त भी मामले से जुड़े होने का आरोप लगाया था। रेेती चोरी से सरकार को हर साल करोड़ों का राजस्व नुकसान होता है।
मिलीभगत का आरोप
रेत चोरी के मामले में राजस्व विभाग, पुलिस व प्रादेशिक परिवहन विभाग (आरटीआे) तीनों एजेंसियां कार्रवाई कर सकती हैं। नागपुर व आसपास के जिले से धड़ल्ले से रेती का अवैध कारोबार होता है। तीनों एजेंसियों की मिलीभगत होने के आरोप भी समय-समय पर लगते रहे हैं। इस अवैध धंधे में शामिल वाहनों की सूची आरटीआे व पुलिस के पास होने के आरोप हैं।
प्रशासन की लापरवाही
आरटीआई एक्टिविस्ट संजय अग्रवाल ने दावा किया कि प्रशासन की लापरवाही के कारण ही रेत चोरी के मामले बढ़े हैं। पुलिस, आरटीआे व राजस्व विभाग की सुस्ती इसके लिए जिम्मेदार है। कुछ मामले ही रिकॉर्ड पर आते हैं, बाकी हजारों मामले रिकॉर्ड पर आते ही नहीं। 1500 ट्रक जिले में रेत तस्करी में लगे हैं। पूरा कारोबार एजेंट के मार्फत चलता हैै।
Created On :   29 Jan 2023 7:40 PM IST