सदाभाऊ खोत से हाथ मिलाने को तैयार नहीं शेट्टी, कहा- मेरे मापदंडों पर नहीं उतरते खरे

Shetty is not ready to join hands with Khot
सदाभाऊ खोत से हाथ मिलाने को तैयार नहीं शेट्टी, कहा- मेरे मापदंडों पर नहीं उतरते खरे
सदाभाऊ खोत से हाथ मिलाने को तैयार नहीं शेट्टी, कहा- मेरे मापदंडों पर नहीं उतरते खरे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रयत क्रांति संगठन के संस्थापक अध्यक्ष तथा पूर्व राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत ने स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी को लेकर भले ही तेवर नरम कर लिए हों, लेकिन शेट्टी की खोत को लेकर तल्खी बरकरार है। शेट्टी ने कहा कि मैं 35 सालों से आंदोलन कर रहा हूं। मुझे स्वच्छ हाथ और स्वच्छ चरित्र वाले लोगों के साथ काम करना पसंद है। खोत इस दोनों मापदंडों पर खरे नहीं उतरते हैं। शेट्टी ने कहा कि खोत अपना अस्तित्व दिखाने की कोशिश में इस तरह का बयान दे रहे हैं। हम लोग ऐसे मायावी बयानों में फंसने वाले नहीं हैं। शेट्टी ने कहा कि हमने खोत को पार्टी से निकाला था। इसलिए उन्हें पार्टी में वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता। यदि उन्हें वापस लिया गया, तो यह कहना पड़ेगा कि उनको पार्टी से बाहर निकालने का फैसला गलत था। शेट्टी ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर भतीजे और मौसी का प्रेम कई लोग दिखाते हैं। लेकिन इसमें गंभीरता कितनी है यह देखना होगा। इसलिए मगरमच्छ के आंसू बहाने वालों के बारे में हमारी कोई भावना नहीं है।

अपने राजनीतिक गुरु शेट्टी से फिर हाथ मिलाना चाह रहे खोत

वहीं अपने मित्र दल भाजपा से नाराज चल रहे रयत क्रांति संगठन के संस्थापक अध्यक्ष तथा पूर्व राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत का अपने पुराने सहयोगी स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी को लेकर रूख नरम पड़ गया है। खोत को अब शेट्टी से दोबारा हाथ मिलाने से कोई गुरेज नहीं हैै। सोमवार को "दैनिक भास्कर" से बातचीत में खोत ने इसके संकेत दिए हैं। खोत ने कहा कि राजनीति में कोई स्थायी रूप से दुश्मन नहीं होता है। शेट्टी यदि राकांपा-कांग्रेस का साथ छोड़ते हैं तो मैं उनके साथ दोबारा जा सकता हूं। खोत ने कहा कि मैंने शेट्टी के साथ मिलकर दशकों तक राकांपा-कांग्रेस गठजोड़ के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। शेट्टी अब दोनों दलों के साथ  हैं लेकिन यदि वे राकांपा-कांग्रेस का साथ छोड़ते हैं तो मैं उनके साथ आने के लिए तैयार हूं। खोत ने कहा कि शेट्टी ने चीनी मिलों से किसानों को गन्ने का उचित मूल्य देने की मांग की है। उनकी मांग का हमने भी समर्थन किया है। इस तरह के मुद्दों पर एक साथ आ सकते हैं। हालांकि खोत ने यह दावा भी किया कि वे भाजपा से नाराज नहीं हैं। इससे पहले साल 2014 में भाजपा की सरकार बनने पर शेट्टी की पार्टी के कोटे से खोत राज्य मंत्री बने थे। राज्य मंत्री बनते ही खोत और शेट्टी के बीच मतभेद के चलते दूरियां बढ़ती गई। जिसके बाद खोत ने शेट्टी से नाता तोड़कर अलग पार्टी बना ली थी।  

सहयोगियों से चर्चा के बाद फैसला- खोत  फडणवीस सरकार में कृषि राज्य मंत्री रहे खोत विधान परिषद की पुणे विभाग स्नातक सीट से उम्मीदवार उतारने को लेकर भाजपा से नाराज चल रहे हैं। खोत इस बात से नाराज हैं कि भाजपा ने संग्राम देशमुख को उम्मीदवारी देते समय उन्हें विश्वास में नहीं लिया। इससे नाराज खोत ने पुणे विभाग स्नातक सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में एन डी चौगुले को मैदान में उतारा है। इसके मद्देनजर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने खोत से मुलाकात कर चौगुले का पर्चा वापस लेने का आग्रह किया है। इस पर खोत ने पाटील से कहा कि मैं अपने सहयोगियों से चर्चा के बाद ही अंतिम फैसला लूंगा।

Created On :   16 Nov 2020 2:36 PM GMT

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