शिवसेना को नागवार लगा उत्तरभारतीय सम्मेलन में फडणवीस का उद्धव को जवाब देना

Shiv Sena felt displeased with Fadnaviss reply to Uddhav at the North Indian convention
शिवसेना को नागवार लगा उत्तरभारतीय सम्मेलन में फडणवीस का उद्धव को जवाब देना
निशाना शिवसेना को नागवार लगा उत्तरभारतीय सम्मेलन में फडणवीस का उद्धव को जवाब देना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बीकेसी की रैली में विधानसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधने के बाद शिवसेना फडणवीस को लगातार निशाना बना रही है। अब शिवसेना ने उद्धव को जवाब देने के लिए फडणवीस द्वारा उत्तरभारतीय सम्मेलन के मंच इस्तेमाल करने पर आलोचना की है। पार्टी ने कहा है कि यदि उनके (फडणवीस) के मालिकों ने समय रहते उन पर नकेल नहीं कसी तो महाराष्ट्र में भाजपा के साथ हादसा होना तय है। पार्टी ने कहा कि ‘शिवसेना की मुंबई की सभा का फडणवीस ने जवाब देंगे, ऐसा लगा था,परंतु फडणवीस ने शिवसेना को जवाब देने के चुनाव किया तो उत्तरभारतीय सभा का।’ पार्टी ने कहा कि उत्तरभारतीय सभा में फडणवीस ने मुख्यमंत्री की यथासंभव बदनामी की।

मंगलवार को पार्टी के मुखपत्र में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराई गई तो उस वक्त फडणवीस कहां थे और उनकी उम्र क्या थी, यह शोध का विषय है। फडणवीस कहते हैं कि जब ढांचा गिराया गया तो वे वहां प्रत्यक्ष मौजूद थे और बाबरी को गिराने में वे शामिल थे। लेकिन आडवाणी वगैरह फडणवीस का दावा स्वीकार नहीं करते। पुलिस अथवा सीबीआई के किसी आरोप पत्र में उनका उल्लेख नहीं है। फडणवीस को पुलिस ने साधारण पूछताछ के लिए भी नहीं बुलाया था। पार्टी ने व्यग्यात्मक लहजे में कहा है कि ‘बाबरी गिराने में फडणवीस की सहभागिता थी अथवा नहीं इसकी जानकारी के लिए केंद्र सरकार को एक जांच समिति गठित करनी चाहिए। यदि यह सिद्ध हो गया कि फडणवीस उस युद्ध में शामिल थे तो नागपुर में उनका सत्कार किया जाएगा।’

पार्टी ने कहा है कि फडणवीस उत्तरभारतीयों की सभा में बहुत कुछ बोल गए। उन्होंने कटाक्ष करने का प्रयास किया पर वह भी नहीं जमा। मराठी लोगों की सभा होती है तो वे अलग बात करते हैं और हिंदीभाषियों की सभा में कुछ अलग बात बोलते हैं। पार्टी ने इस बात के लिए भी फडणवीस की आलोचना की कि उन्होंने हिंदीभाषी सम्मेलन में जूते पहन कर हनुमान चालिसा पढ़ी। 

विदर्भ को महाराष्ट्र से तोड़ने की औकात नहीं

संपादकीय में कहा गया है कि फडणवीस ने राम के चरित्र से कुछ नहीं सीखा वे केवल झुठ पर झुठ बोल रहे हैं। ठाकरे नहीं होते तो महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता खत्म हो गई होती। फडणवीस और उनके सभी बापजादे महाराष्ट्र की गर्दन दबोचने का सपना देख रहे हैं। आज मुंबई-विदर्भ को महाराष्ट्र से तोड़न की किसी की औकात नहीं है तो केवल शिवसेना की वजह से।  

Created On :   17 May 2022 3:23 PM GMT

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