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एक रात का सितारा बनने की बजाय बनें लंबी रेस का घोड़ा : दिव्य कुमार

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। आज हम स्वच्छता के लिए ईवेंट कर रहे हैं और एमपी स्वच्छता के लिए जाना जाता है। मैं यहां कई जगहों पर गया हूं , पर जबलपुर पहली बार आया हूं । यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। यहां टैलेंट की कमी नहीं है, जबलपुर से बहुत सा टैलेंट मुंबई आया है और नाम कमाया है। न्यू कमर्स के लिए यहीं कहूंगा कि रियेलिटी शोज करने या एक गाना गा लेने के बाद ही असल स्ट्रगल शुरू होती है। एक रात का सितारा बनने की बजाय लम्बी रेस का घोड़ा बनें। यह कहना है बॉलीवुड में अपनी प्लेबैक सिंगिंग से खास पहचान हासिल के करने वाले गायक दिव्य कुमार का, जो शनिवार को स्मार्ट सिटी और नगर निगम द्वारा आयोजित एक शाम स्वच्छता के नाम कार्यक्रम में परफॉर्म करने शहर आए। इशकजादे, बदलापुर, काई पो चे, भाग मिल्खा भाग जैसी कई फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके दिव्य कुमार ने बातचीत में कहा कि मैं शाहरुख खान का फैन नहीं, भक्त हूं । वह मुझे इंस्पायर करते हैं। मैंने फिल्म जीरो के गाने इशकबाजी में भी प्लेबैक दिया है।
विरासत में मिला संगीत
मुझे संगीत विरासत में मिला है। मेरे दादाजी ने संगीत का गिफ्ट पूरे खानदान को दिया। हमारी फैमली के लिए यह बहुत स्पेशल है। घर के सभी बच्चों के लिए म्यूजिक सिर्फ प्रोफेशन नहीं, बल्कि सब कुछ है। आज मैं म्यूजिक की बदौलत जो कुछ भी हासिल कर पाया हूं या आगे करूंगा, वह सब मेरे पैरेंट्स और ग्रैंड पैरेंट्स को डेडिकेटेड है। न्यू कमर्स के लिए पेशेंस रखना सबसे जरूरी है। कौन, कितना फॉलो कर रहा है, इसकी बजाय कंटेंट पर फोकस करना चाहिए। सब्र रखें और अपने काम को इतना स्ट्रॉन्ग बनाएं कि दुनिया आपके पीछे भागे।
गाता नहीं, तो ड्रमर होता
मैंने कई भाषाओं में प्लेबैक दिया है और अलग-अलग भाषा में गाना एंज्वॉय करता हूं । नई भाषाएँ सीखने को मिलती हैं। हर सिंगर का खास जॉनर होता है, मेरा भी है। मेरा मानना है कि जिसके लिए जाने जाते हो, उसमें मास्टर रहना चाहिए। सिंगर खास जॉनर में गाने गाए, लेकिन एक ही जॉनर में बंधकर ना रहे। मैं म्यूजिक के अलावा किसी और फील्ड नहीं जा सकता था, अगर गा नहीं रहा होता, तो ड्रमर होता। आज सिंगर के साथ ड्रमर भी हूं।
Created On :   16 Dec 2018 6:16 PM IST