300 साल से ज्यादा पुराने इस मंदिर में नाग-नागिन का जोड़ा

Snake-serpent pair present in this more than 300 years old temple
300 साल से ज्यादा पुराने इस मंदिर में नाग-नागिन का जोड़ा
300 साल से ज्यादा पुराने इस मंदिर में नाग-नागिन का जोड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बिनाकी मंगलवारी आनंद नगर में दशनामी अखाड़ा है। यहां पर 300 साल से ज्यादा पुराना नागमंदिर है। प्राचीनतम हनुमान मंदिर भी यहां है। मंदिर की देख-रेख गोसावी या गोस्वामी समाज के जिम्मे है। फिलहाल ईश्वर गिरी मंदिर की देख-रेख कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह मंदिर 300 साल से ज्यादा पुराना है। नागपंचमी पर लोग यहां पूजा करने आते हैं। किवदंतियों के अनुसार, यहां पर एक बहुत बड़ा नाग-नागिन का जोड़ा भी है, जो किस्मत वालों को ही दिखता है। एक समय था, जब संपेरे एक बक्से में सांप लेकर आते थे और महिलाएं दूध पिलाकर उनकी पूजा करती थी। मेला भी लगता था, जिसमें सांप और नेवले की लड़ाई, बंदरों का खेल और अन्य मनोरंजक खेल होते थे, लेकिन अब वह सब बंद हो गया है। प्रथा ही लगभग खत्म हो गई है। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत इसे अपराध करा दिया गया है।

सुरंग से रामटेक का रास्ता

ईश्वर गिरी ने बताया कि गोसावी समाज की यहां 13.5 एकड़ जमीन थी, जिस पर अब कॉलोनी और विहार बन गए हैं। अब केवल ढाई एकड़ जमीन बची हुई है। यहां पर एक छोटा कुआं भी था, जिसके अंदर से एक सुरंग निकलती थी और उसका रास्ता रामटेक तक था। उसे भी मिट्टी और कचरा डाल कर बंद कर दिया गया।  इस तरह का केवल एक ही नागदेवता का प्राचीन मंदिर है। नागपुर में 4 प्राचीनतम हनुमान जी की मूर्तियां हैं, जो तेलंगखेड़ी, राजाबाक्षा, दशनामी अखाड़ा और रमना मारोति में हैं। इन चारों मूर्तियाें का आकार एक जैसा है। दशनामी का अर्थ है दस उपनाम वाले लोग जहां रहते हों। यहां पर भी दस उपनाम वाले लोग रहते हैं। इसमंे गिरी, पुरी, बन, सागर, भारती, आश्रम, प्रगट, तीर्थ, सरस्वति और आरत हैं। इन सभी उपनामों के भी अर्थ हैं और वह मूल स्थान से जुड़ा हुआ है।  अभी मंदिर की देख-रेख ईश्वर गिरी, कमला गिरी, रवींद्र गिरी, मंगेश पुरी का परिवार करता है। 

सदियों पुरानी मूर्ति

यहां के मंदिर में नाग देवता की सदियों पुरानी मूर्ति है। किवदंतियों के अनुसार, यहां पर एक बहुत बड़ा नाग-नागिन का जोड़ा भी है, जो किस्मत वालों को ही दिखता है। यहां पर गोसावी समाज के हर व्यक्ति की समाधि बनी हुई है, जिसे दशनामी अखाड़ा कहते हैं। पूरे महाराष्ट्र मंे केवल यही एक दशनामी अखाड़ा है। 
 

Created On :   5 Aug 2019 2:14 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story