मानसून की देरी से खरीफ बुआई अटकी, किसानों की नजरें आसमान पर टिकी

Stopping Kharif sowing by delayed monsoon, farmers waiting rain
मानसून की देरी से खरीफ बुआई अटकी, किसानों की नजरें आसमान पर टिकी
मानसून की देरी से खरीफ बुआई अटकी, किसानों की नजरें आसमान पर टिकी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मानसून में देरी से किसानों की आंखें आसमान पर टकटकी लगाए हुए है। खरीफ की बुआई के लिए किसानों ने खेत तैयार कर रखे हैं। किसानों को बारिश का इंतजार है। मानसून अभी केरल पहुंचा है। विदर्भ में दस्तक देने के लिए और एक सप्ताह इंतजार करना पड़ सकता है। मानसून के विलंब के चलते खरीफ की बुआई लड़खड़ा गई है। कृषि विभाग ने जमीन में पर्याप्त नमी बनने तक बुआई नहीं करने की सलाह दी है। इस वर्ष जिले में 5 लाख 6 हजार हेक्टेयर में खरीफ की बुआई का नियोजन किया गया है।

दोनों फसलों का हुआ नुकसान

मृग नक्षत्र शुरू हो गया है। किसानों की नजरें आसमान पर टिकी हैं, बारिश का इंतजार है। पिछले वर्ष जून से अक्टूबर माह के दौरान मौसम मेहरबान रहा। हालांकि संपूर्ण क्षेत्र में एक समान बारिश नहीं हुई। जो हुई वह भी औसतन कम रही। मौसम की अनियमितता से खरीफ की 5 लाख हेक्टेयर में उगी फसल हाथ से चली गई। रबी के मौसम में भी यही हाल रहा। मौसम के दगा देने से किसानों को दोनों फसलों का नुकसान हुआ। इस वर्ष मानसून की देरी से किसान चिंता में डूब गए हैं। समय पर बुआई नहीं होने से उत्पादन कम होने का खतरा बढ़ जाता है। 

बारिश पर निर्भर रहेगी फसल

सून की दस्तक के लिए और एक सप्ताह तक इंतजार करना पड़ेगा। मानसून का आगमन होने के बाद भी बारिश कब होगी, यह कहा नहीं जा सकता। इस हालत में खरीफ की बुआई में विलंब होना तय है। बारिश का मिजाज कैसा होगा, इस पर भी बुआई निर्भर है। यदि लगातार बारिश होती है, तो बुआई के लिए समय नहीं मिल पाएगा। ऐसी स्थिति में किसानों का संकट और बढ़ सकता है। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें झलक रही हैं।

35 गांवों में भीषण जलसंकट

इस वर्ष जिले में भीषण जलसंकट रहा है। काटोल, नरखेड़, कलमेश्वर, नागपुर ग्रामीण और हिंगना तहसील में भीषण जलसंकट है। 35 से अधिक गांवों में टैंकर से जलापूर्ति जारी है। जलसंकट के साथ जानवरों के चारे की किल्लत से पशुपालक जूझ रहे हैं। इस वर्ष अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किए जाने से किसान खरीफ की बुआई में जुट गए हैं। मई महीने की कड़ी धूप में मेहनत कर बुआई के लिए खेत तैयार कर लिए हैं। मौसम की बेरुखी से किसान चिंता में पड़ गए हैं। 

Created On :   10 Jun 2019 7:35 AM GMT

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