अजब-गजब - दो सुरक्षा संस्थानों में 50 प्रश. अटेंडेंस, दो में 100 फीसदी!

Strange - 50 percent in two security institutions. Attendance, 100 percent in two!
अजब-गजब - दो सुरक्षा संस्थानों में 50 प्रश. अटेंडेंस, दो में 100 फीसदी!
अजब-गजब - दो सुरक्षा संस्थानों में 50 प्रश. अटेंडेंस, दो में 100 फीसदी!

एक ही आदेश का चारों निर्माणियों ने दिया हवाला कर्मचारी क्षमता अलग-अलग
डिजिटल डेस्क जबलपुर
। अनलॉक के फरमान से सुरक्षा संस्थान बुरी तरह से कंफ्यूज्ड हो गए हैं। दो आयुध निर्माणियाँ 50 फीसदी उपस्थिति के साथ वर्किंग शुरू करने जा रही हैं। वहीं शहर के दो अन्य सुरक्षा संस्थान 100 फीसदी पूरे दलबल के साथ..! हैरानी वाली बात यह कि चारों सुरक्षा संस्थानों ने कलेक्टर के 31 मई को जारी किए गए आदेश का हवाला देते हुए यह व्यवस्था जमाई है। 
आधे शहर में लॉकडाउन और आधे में अनलॉक यह बात तो काफी हद तक समझ में आती है लेकिन सुरक्षा  संस्थानों के मामले में अलग-अलग तरह के आदेश ने कर्मचारियों को भ्रमित कर दिया है और वे आक्रोशित भी हैं। जानकारी के अनुसार वाहन निर्माणी और गन कैरिज फैक्ट्री 2 जून से 100 फीसदी कर्मचारियों के साथ उत्पादन शुरू करने जा रही हैं। इसके लिए सभी कर्मचारियों को उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश भेजे जा चुके हैं। दूसरी तरफ आयुध निर्माणी खमरिया और ग्रे आयरन फाउंड्री 50 प्रतिशत कर्मियों के साथ 5 जून से काम काज शुरू करेंगी।
एक जैसी वर्किंग, एक नॉम्र्स
शहर के तमाम सुरक्षा संस्थानों में वर्किंग तकरीबन एक जैसी है। सभी भारत के रक्षा मंत्रालय और आयुध निर्माणी बोर्ड के अधीन कार्य करते हैं। यहाँ तक की सभी के लिए सेवा शर्तें भी एक जैसी हैं। मंत्रालय और बोर्ड की ओर से पहले ही संक्रमण की वजह से आपदा प्रबंधन समिति के अनुसार निर्णय लेने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं, लेकिन कलेक्टर के आदेश को लेकर न जाने ऐसा क्या हुआ कि निर्माणियों ने इस पर अलग-अलग तरह से फैसला लिया। 
ये भी जानिए..ऐसा क्यों? 
* कलेक्टर ने अपने आदेश के पहले पैरा में कहा है कि शासकीय कार्यालय 100 प्रतिशत अधिकारियों तथा 50 कर्मचारियों के साथ संचालित हो सकेंगे। 
* आदेश के दूसरे पैरा में कहा गया है कि समस्त प्रकार के उद्योग एवं औद्यगिक गतिविधियाँ चालू रहेंगी। इससे जुड़े अधिकारी-कर्मचारी आईकार्ड के साथ आ जा सकेंगे।  
* जानकारों  का कहना है कि कुछ सुरक्षा संस्थानों ने एक पैरा के निर्देश को मानते हुए 100 फीसदी तो कुछ निर्माणियों ने दूसरे पैरा के हिसाब से 50 फीसदी के आदेश निकाल दिए हैं।


 

Created On :   2 Jun 2021 2:29 PM GMT

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