दो विभागों के बीच पिस रहीं आंगनवाड़ी सेविकाएं

strike of anganwadi workers is not ending
दो विभागों के बीच पिस रहीं आंगनवाड़ी सेविकाएं
दो विभागों के बीच पिस रहीं आंगनवाड़ी सेविकाएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपनी मांगों को लेकर लगभग महीना भर हड़ताल पर रही आंगनवाड़ी सेविकाएं अब सरकार के दो विभाग के बीच पिसती नजर आ रही हैं। पिछले दिनों आदिवासी विकास विभाग ने एक आदेश जारी कर उन्हें डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अमृत आहार योजना में पोषण आहार बनाने और उसे बच्चों को खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। अब महिला व बाल कल्याण विभाग ने नया आदेश जारी कर यह काम करने से मना कर दिया है।

महिला और बाल कल्याण विभाग ने आंगनवाड़ी सेविकाओं को पोषण आहार बनाने व उसे बच्चों को खिलाने से मना कर कहा है कि यह काम महिला बचत या फिर स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं से कराया जाए। गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि आंगनवाड़ी सेविकाओं से अतिरिक्त कोई काम न कराया जाए। इसके बावजूद आदिवासी विभाग ने पिछले दिनों एक आदेश जारी कर उन्हें रसोई के काम में लगने का आदेश दिया था। अब महिला और बाल कल्याण विभाग ने उक्त आदेश जारी कर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 

विभाग ने स्पष्ट कहा है कि पोषण आहार बनाने का काम महिला बचत या स्वयंसेवी संस्थाओं से करवाया जाए। पोषण आहार आंगनवाड़ी केंद्रों तक सेविकाओं को लाकर दिया जाए। आंगनवाड़ी केंद्रों में सहायिका के निरीक्षण में लाभार्थियों को उसे दिया जाए। आंगनवाड़ी सेविकाओं का आहार पर पर्यवेक्षण व संनियंत्रण रहेगा। आंगनवाड़ी केंद्रों में 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों के लिए अंडे, केले उपलब्ध कराने का काम भी बचत गट, संस्थाओं से कराया जाए।

अब सिर्फ बच्चों के स्वास्थ्य की देखरेख 
अन्य काम छीनते हुए आंगनवाड़ी सेविकाओं को अब सिर्फ बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी काम सौंपे गए हैं। राज्य में आदिवासी क्षेत्र में ग्राम बाल विकास केंद्र (वीसीडीसी) योजना शुरू की गई है। इस अनुसार आंगनवाड़ी सेविकाओं को काम करना होगा। जैसे योजना अनुसार बच्चों का चयन, सप्ताह में 3 बार उसका वजन करना, पालकों के लिए प्रोत्साहन पर कार्यक्रम आयोजित करना, घरों में भेंट देकर बच्चों के पोषण व्यवस्था पर नजर रखना सहित कुपोषण निर्मूलन विषयों से संबंधित काम में अब बढ़ोतरी होगी।

Created On :   21 Oct 2017 12:06 PM GMT

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