12 एकड़ से अधिक वन भूमि में हो रही गन्ने की खेती

Sugarcane cultivation in more than 12 acres of forest land
12 एकड़ से अधिक वन भूमि में हो रही गन्ने की खेती
12 एकड़ से अधिक वन भूमि में हो रही गन्ने की खेती

सीताझिर में वन अमले ने हटाया अतिक्रमण, एसडीओ सहित उडऩदस्ता बल मौजूद
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/ चौरई ।
विकासखंड के सीताझिर गांव में गुरुवार को वन अमले ने अधिकारियों की मौजूदगी में वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया। यहां कुछ लोग 12 एकड़ से अधिक वन भूमि में गन्ना सहित अन्य फसल लगाकर खेती कर रहे थे। कार्रवाई के दौरान कोई भी अतिक्रमणकारी सामने नहीं आया।  जानकारी के अनुसार सिताझिर गांव में सालों से गांव के कुछ दबंगों द्वारा वन भूमि पर कब्जा कर खेती की जा रही थी। खास बात है कि यहां गन्ने की खेती करने वाले किसानों ने वन भूमि में ही गुड़ घाना भी बना लिया था। अतिक्रमण करने वाले लोग क्षेत्र के प्रभावशाली परिवारों के सदस्य हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई करने में मैदानी वन अमला साहस नहीं कर पाता था। शिकायत के बाद गुरुवार को पूर्व वनमंडल के एसडीओ भारत सिंह सोलंकी, रेंजर हीरालाल सनोडिया, डिप्टी रेंजर तुलसीराम सनोडिया की उपस्थिति में जिला मुख्यालय से आए उडऩदस्ता के कर्मियों ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। उन्होंने जेसीबी मशीन से गन्ना व मक्का की फसल को उखाड़ दिया। वन भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए वन सीमा पर गहरी नाली बनाई गई।
धमनिया में भी हटाया गया अतिक्रमण
सीताझिर के अलावा वन विभाग के अमले ने धमनिया गांव में वन भूमि पर हुआ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। यहां भी दबंगों ने वन भूमि पर कब्जा कर खेती शुरू कर दी थी। गौरतलब है कि विकासखंड के ग्रामीण अंचलों में वन और राजस्व भूमि पर दबंगों का कब्जा सालों से बरकरार है, तो कुछ गांवों के पास वन क्षेत्र में अतिक्रमण का प्रयास भी हो रहा है। पिछले साल गढख़ापा में नर्सरी में ही फसल बो दी गई थी। सालों से क्षेत्र में पदस्थ वनरक्षक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पीछे हट जाते हैं। जिससे आसपास गांवों के दबंग अब जंगलों के अंदर तक कब्जा कर रहे हैं।
इनका कहना है...
॥वन सीमा पर मुनारों के जीर्ण शीर्ण होने के बाद पुनर्निर्माण के लिए सीमांकन के दौरान वन भूमि में अतिक्रमण की बात सामने आई। यहां क्षेत्र के लोग कई साल से वन क्षेत्र में खेती कर रहे थे। सीमांकन में अतिक्रमण की पुष्टि होने पर कब्जा हटाने कार्रवाई की गई।
-हीरालाल सनोडिया, रेंजर

Created On :   25 Jun 2021 7:00 PM IST

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