कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया कि असल में मुख्य आरोपी हेम प्रकाश शर्मा है, जिसे बचने के लिए केजरीवाल और AAP के कार्यकर्ताओं ने मुकेश कुमार को आगे किया. कपिल ने आरोप लगाया कि चंदे के लिए जिस सनविजन कंपनी के लेटरहेड का इस्तेमाल किया गया, उसमे साइन मुकेश कुमार का नहीं है। केजरीवाल ने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि उनकी पार्टी का चंदा कहां से आया। केजरीवाल अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बताएं कि दो करोड़ कहां से आए। उन्होंने चंदे की तारीख को लेकर दावा किया कि वह एमसीडी इलेक्शन से एक दिन पहले ही दिया गया। उन्होंने कहा कि जिस समय मुकेश कुमार ने पार्टी को चंदा दिया, उस समय वह उस कंपनी में थे ही नहीं।
कपिल ने कंपनियों को फर्जी बताते हुए कहा कि ये दस साल नहीं चल रही हैं। उन्होंने बाकी कंपनियों के दस्तावेजों को भी फर्जी बताया। उन्होंने मुकेश कुमार की एक कंपनी एसकेएन असोसिएट के बारे में एक विडियो के जरिए दावा किया कि यह फर्जी है। कपिल ने कहा कि 'मुकेश बैंक डिफॉल्टर हैं। विभाग ने उनकी बिल्डिंग की मुनादी कर दी थी'। मुकेश वैट नहीं देता, टैक्स नहीं देता लेकिन दो करोड़ का चंदा देता है। कपिल ने केजरीवाल पर सरकारी ताकत के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह कंपनी जनवरी 2014 में बंद होनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक चल रही है। कपिल ने कहा कि यह अभी तक का सबसे बड़ा 'पब्लिक करप्शन' का मामला है।
]]>Created On :   19 May 2017 2:15 PM IST