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दैनिक भास्कर हिंदी: नागपुर समेत विदर्भ में तापमान गिरा, रात से रुक-रुक कर बारिश, घंटों लेट उड़ाने

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लंबे समय बाद उपराजधानी समेत आस-पास के जिलों में हुई बारिश से मौसम कूल-कूल हो गया है। शनिवार रात से रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। माना जा रहा है कि अगले दो-तीन दिन तक बाारिश का दौर जारी रहेगा। रविवार सुबह से रुक-रुक कर रिमझिम फुहार हो रही है। नागपुर में भले ही धुआंधार बारिश की संभावना कम है, लेकिन जितनी बारिश होगी उससे लोगों को गर्मी व उमस से बहुत ज्यादा राहत मिलेगी। बारिश के कारण नागपुर समेत विदर्भ में तापमान में कमी आ गई है। शनिवार को नागपुर का अधिकतम तापमान 29 डिग्री व न्यूनतम तापमान 23.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
मानसून की द्रोणिका और नीचे
मौसम विभाग के अनुसार, कम दबाव का क्षेत्र बनने से मानसून की द्रोणिका नीचे आ गई है। द्रोणिका नीचे आने से नागपुर समेत विदर्भ में बारिश का माहौल बन गया है। द्रोणिका पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से होकर जाने के कारण इसका असर नागपुर समेत विदर्भ क्षेत्र में हो गया है। दो दिन से नागपुर व पूर्व विदर्भ में बारिश हो रही है। अगले 2-3 दिनों तक इसी तरह बारिश होने के आसार हैं। नागपुर में मूसलाधार बारिश की संभावना कम है, लेकिन जितनी बारिश होगी, उससे जमीन की गर्मी जरूर कम हो जाएगी।
पूर्व विदर्भ में ज्यादा बारिश
बारिश का ज्यादा असर पूर्व विदर्भ के भंडारा, गोंदिया, गड़चिरोली, वर्धा व चंद्रपुर जिले में दिखाई देगा। किसानों को इस बारिश ने बहुत राहत पहुंचाई है। बुआई के बाद खड़ी फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई थी। जिले में 20.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। अगले दो-तीन दिन तक होनेवाली बारिश फसल के लिए लाभदायक रहेगी। विदर्भ में सबसे ज्यादा बुलढ़ाणा में 43 मिमी व सबसे कम यवतमाल में 3.6 मिमी बारिश दर्ज की गई।
6 विमान पहुंचे लेट
शनिवार को मुंबई का मौसम खराब होने के कारण मुंबई से उड़ान भरने वाले कई विमान घंटों देरी से उड़ान भर सके। इसके चलते मुंबई से नागपुर आने वाले 6 विमानों में देरी दर्ज की गई। जानकारी के अनुसार मुंबई से आने वाला गो एयर का विमान क्रमांक 2609 अपने तय समय सुबह 8.15 बजे से करीब 1.30 घंटा देरी से, मुंबई से आने वाला एयर इंडिया विमान क्रमांक 2813 अपने तय समय सुबह 10.15 बजे से करीब 1 घंटा देरी से, मुंबई से आने वाला इंडिगो का विमान क्रमांक 5388 तय समय दोपहर 1.15 बजे से करीब आधा घंटा देरी से, मुंबई से आने वाला इंडिगो का विमान क्रमांक 403 तय समय शाम 5.25 बजे से करीब 1 घंटा देरी से नागपुर के डॉ. बाबासाहब अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर पहुंचा। वहीं मुंबई से आने वाला एयर इंडिया का विमान क्रमांक 629 रात 8.35 बजे से करीब 2 घंटे देरी से और मुंबई से आने वाला इंडिगो का विमान क्रमांक 5377 रात 10.20 बजे न पहुंचकर देर रात नागपुर विमानतल पर पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी।
गोंदिया-बरौनी-गोंदिया एक्स. को मिला अतिरिक्त स्थाई कोच
उधर रेलवे प्रशासन द्वारा गाड़ियों में यात्रियों की होने वाली अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखते हुए गाड़ी संख्या 15231/15232 गोंदिया-बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस में एक एसी-3 अतिरिक्त कोच की सुविधा स्थाई रूप से बढ़ाई जा रही है। यह स्थाई अतिरिक्त कोच की सुविधा बरौनी 28 जुलाई से और गोंदिया 29 जुलाई से उपलब्ध रहेगी।
बारिश में बार-बार गुल हो रही बिजली
बारिश हुई नहीं कि, शहर में बिजली गुल होना शुरू हो गया है। पश्चिम नागपुर के अनेक इलाकों में पिछले कुछ दिनों से बिना कोई सूचना दिए लगातार बिजली गुल होना जारी है। शनिवार को भी कुछ इलाकों में करीब 3 घंटे तक बिजली बंद रही, लेकिन एसएनडीएल कार्यालय में कर्मचारियों का अभाव होने से इसे सुधारने में घटों लग रहे हैं। इससे पहले गुरुवार, शुक्रवार को भी प्रभाग-12 गिट्टीखदान अंतर्गत भीम टेकड़ी, दीपक नगर, विश्वास नगर, सुरेंद्रगढ़, मकरधोकड़ा, केजीएन सोसायटी सहित अनेक इलाके करीब 18 घंटे तक अंधेरे में डूबे रहने का दावा किया गया है। शिकायत है कि, इसे लेकर जब सेमिनरी हिल्स स्थित एसएनडीएल बिजली कार्यालय में नागरिकों ने फोन पर शिकायत करने के लिए संपर्क किया, तो कोई ऑपरेटर फोन रिसीव नहीं कर रहा था। एसएनडीएल के बड़े अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनसे भी कोई प्रतिसाद नहीं मिला। विभाग से कोई प्रतिसाद नहीं मिलने पर स्थानीय नागरिकों ने पश्चिम नागपुर कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष रिजवान खान रुमवी को इसकी सूचना दी। रुमवी अपने समर्थकों के साथ एसएनडीएल कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां भी कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं मिला। रिजवान खान ने बताया कि, कोई ग्राहक समय पर बिजली बिल नहीं भरता है, तो तुरंत उसके घर की बिजली काट दी जाती है, लेकिन किसी कारणवश बिजली गुल हो जाए, तो सुधारने में घंटों लग जाते हैं। बिजली कार्यालय में कर्मचारियों का अभाव है। हालांकि बारिश में आपातकालीन परिस्थिति से निपटने ज्यादा कर्मचारी होने चाहिए। इससे पहले रुमवी ने एसएनडीएल के ऑपरेशन मेंटेनंस हेड प्रकाश चंदन को निवेदन देकर कर्मचारी बढ़ाने की मांग की थी। आश्वासन मिला था कि, कर्मचारी बढ़ाएंगे, लेकिन अभी तक कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई। रिजवान खान ने चेतावनी दी कि, शीघ्र एसएनडीएल कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई नहीं गई तो तीव्र आंदोलन किया जाएगा।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
वनमाली सृजनपीठ: बाल कलाकारों द्वारा राम भजन की मनमोहक प्रस्तुति
डिजिटल डेस्क, भोपाल। विश्वरंग के अन्तर्गत बाल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने वनमाली सृजनपीठ में रामभजन माला का आयोजन किया गया, जिसमें राम के भजनों की सुन्दर प्रस्तुति बच्चों के द्वारा दी गयी। कार्यक्रम का आरम्भ मालविका राव चतुर्वेदी के भजन- 'श्रीरामचन्द्र कृपालु भज मन' से हुआ। इसी कड़ी में स्वरा वत्स ने राम के विभिन्न रूपों का वर्णन करते हुए 'राम-राम दशरथ नन्दन राम' भजन से सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मोही और जयगी ने 'राम-राम सब नाम जपो', रेखा ने राग ख्याल में छोटे 'ख्याल' और कियारा ने 'राम भजो आराम तजो', निवेदिता सोनी ने 'श्याम का गुणगान करिये ' गाकर माहौल को राममय कर दिया।
कार्यक्रम के अगले चरण में मालविका द्वारा मीराबाई का प्रसिद्ध भजन 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' और स्वरा ने श्याम कन्हाई गाकर राम के साथ कृष्ण भक्ति से भी परिचय कराया। बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने 'राम भक्त ले चला राम की निशानी' और अन्य भजन गाकर बच्चों का हौसला बढ़ाया। इसके बाद सभी बच्चों की संगीत गुरु श्यामा ने अपना स्वचरित भजन 'राम नाम सुखदायक' की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे, वनमाली सृजनपीठ भोपाल के अध्यक्ष मुकेश वर्मा, आईसेक्ट लिमिटेड के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, गेटसेट पेरेंट की निदेशक पल्लवी राव चतुर्वेदी, विश्वरंग की सहनिदेशक डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, नितिन वत्स, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए की सम्पादक डॉ. विनीता चौबे, प्रभा वर्मा, वनमाली सृजनपीठ की राष्ट्रीय संयोजक ज्योति रघुवंशी, टैगोर विश्वकला केन्द्र के निदेशक विनय उपाध्याय सहित बच्चों के अभिभावक और नाना-नानी, दादा-दादी भी उपस्थित रहे।
मनोरंजन: हरेक रीज़नल इंडस्ट्री की प्रतिभाओं को एक सशक्त मंच उपलब्ध कराने की कोशिश में जुटा हुआ है 'क्रिएटिव वाइब': संतोष खेर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एस. एस. राजामौली की फ़िल्म 'RRR' के मशहूर गाने 'नातू नातू' ने गोल्डन ग्लोब्स जीतकर एक बार फिर से यह साबित कर दिया है क्षेत्रीय सिनेमा भी विश्वभर में अपनी छाप छोड़ने का दमखम रखता है. पिछले साल क्षेत्रीय सिनेमा और ओटीटी ने ऐसे दमदार कंटेट से दर्शकों को रूबरू कराया दर्शकों की उम्मीदें आसमान छूने लगी हैं. सिनेमा को नई ऊंचाई पर ले जानेवालों में कई लोग मशक़्क़त कर रहे हैं और इनमें से एक अहम नाम है प्रोडक्शन हाउस 'क्रिएटिव वाइब' का. उल्लेखनीय है भाषाओं से परे यह प्रोडक्शन हाउस देशभर में मौजूद नायाब तरह के कंटेट की संभावनाओं को खंगाल रहा है और नई-नई प्रतिभाओं को आगे आने का मौका दे रहा है।
'क्रिएटिव वाइब' के संस्थापक संतोष खेर कहते हैं कि लोग ना सिर्फ़ गुणवत्तापूर्ण कंटेट देखना चाहते हैं, बल्कि वे चाहते हैं कि विभिन्न रीजनल इंडस्ट्रीज़ से जुड़े तमाम प्रतिभाशाली लोगों को काम करने के लिए उचित मंच भी उपलब्ध कराया जाए. वे कहते हैं, "हमारे देश में ऐसे प्रतिभाशाली लोगों की कोई कमी नहीं है जो गुमनाम हैं और ऐसे लोगों के बारे में आम दर्शकों को ज़्यादा कुछ पता भी नहीं होता है. हम सृजनकर्ताओं व पेशवर लोगों को आम दर्शकों के सामने लाएंगे जिसके चलते हम दुनियाभर के सिनेमा से मुक़ाबला करने में पूरी तरह से सक्षम साबित होंगे।"
'क्रिएटिव वाइब' के लिए साल 2022 एक उल्लेखनीय साल रहा है. इस दौरान प्रोडक्शन हाउस की ओर से 'अथंग" नामक एक चर्चित मराठी हॉरर वेब सीरीज़ का निर्माण किया गया. प्रोडक्शन हाउस ने 'चंद्रमुखी' नामक भव्य मराठी फ़िल्म बनाकर लोगों को चकित किया. इसके अलावा भी कई उल्लेखनीय कंटेट का निर्माण प्रोडक्शन हाउस की ओर से किया गया है. ऐसे में अब 'क्रिएटिव वाइब' साल 2023 में हिंदी, मराठी और गुजराती भाषा में कंटेट निर्माण में ज़ोर-शोर से जुट गया है. वेब द्वारा उपलब्ध कराये जानेवाले मौकों से अच्छी तरह से परिचित संतोष खेर कहते हैं, 'वेब शोज़ की दुनिया क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेट बनानेवाले मेकर्स के लिए एक बड़ी राहत बनकर आई है जिसके चलते विविध तरह के टैलेंट को अपने अद्भुत कार्यों को सामने लाने और अपनी क्षमताओं का भरपूर प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है. हम वेब कंटेट के माध्यम से ही नहीं, बल्कि विभिन्न भाषाओं में बननेवाली फ़िल्मों को भी एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचाना चाहते हैं।"
संतोष खेर इस इंडस्ट्री से जुड़े पेशेवर लोगों के साथ काम करने और उन्हें मौका देने में यकीन करते हैं. इसे लेकर वे कहते हैं, "जब कभी हम क्षेत्रीय स्तर की प्रतिभाओं की बात करते हैं तो हम महज़ कलाकारों के बारे में ही सोचते हैं. लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए किसी भी फ़िल्म/कंटेट के निर्माण में बड़े पैमाने पर अन्य लोग भी शामिल होते हैं. इनमें टेक्नीशियनों, कॉस्ट्यूम तैयार करनेवालों, लेखकों से लेकर अन्य तरह के कई और भी विभाग शामिल होते हैं जो किसी भॊ फ़िल्म को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. ग़ौरतलब है कि कैमरा के पीछे काम करनेवालों के नाम मुख्यधारा के सिनेमा द्वारा भी आसानी से भुला दिया जाता है. ऐसे में हमारा प्रोडक्शन हाउस इस स्थिति को बदलने, नये नये नामों को सामने लाने और पर्दे के पीछे काम करनेवाले लोगों को स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है ताकि ऐसे गुमनाम लोगों की भी अपनी एक अलग पहचान बन सके।"
लेकिन क्या प्रोफ़ेशनल लोगों को अपनी-अपनी इंडस्ट्री तक ही सीमित कर दिया जाएगा? इस सवाल पर संतोष खेर कहते हैं, "हमें ऐसी प्रतिभाओं को तैयार करने की ज़रूत है जो विभिन्न तरह की क्षेत्रीय इंडस्ट्रीज़ में काम कर सकें. अगर हम एक इंडस्ट्री से ताल्लुक रखनेवाली प्रतिभाओं को दूसरी इंडस्ट्री में काम करने का मौका मुहैया कराएंगे तभी जाकर हम सही मायनों में पैन इंडिया फ़िल्मों का निर्माण कर पाएंगे. हमने बड़े सुपरस्टार्स के साथ ऐसा होते हुए देखा है मगर ज़रूरत इस बात की है कि सभी भाषाओं की इंडस्ट्री से संबंध रखनेवाले कास्ट और क्रू के अन्य सदस्यों को भी इसी तरह के मौके दिये जाएं।"
प्रतिभाओं को परिष्कृत करने की सोच और पैन इंडिया सिनेमा के निर्माण का आइडिया सिनेमा के भविष्य के लिए अच्छा है, लेकिन अगर अन्य लोग भी सतोष खेर की तरह सोचने लग जाएं तो निश्चित ही वो दिन दूर नहीं है, जब सिनेमा की दुनिया जल्द ही आसमान की नई उंचाइयों को छूने लगेगी।
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