ग्रामोदय के कुलपति के खिलाफ वित्तीय अनियमितिता की  जांच के लिए कमिश्नर ने बनाई टीम 

The commissioner formed a team to investigate the financial irregularities against the vice chancellor of Gramoday
 ग्रामोदय के कुलपति के खिलाफ वित्तीय अनियमितिता की  जांच के लिए कमिश्नर ने बनाई टीम 
 ग्रामोदय के कुलपति के खिलाफ वित्तीय अनियमितिता की  जांच के लिए कमिश्नर ने बनाई टीम 

डिजिटल डेस्क सतना। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो.नरेशचंद्र गौतम के विरुद्ध वित्तीय अनियमितिताओं की जांच के लिए रीवा संभाग के कमिश्नर डा.अशोक भार्गव ने 4 सदस्यीय टीम गठित की है। जांच टीम में कोष एवं लेखा रीवा के संयुक्त संचालक, कमिश्नर कार्यालय के डिप्टी डायरेक्टर, मझगवां के एसडीएम और एपीएस रीवा के सहायक कुल सचिव को शामिल किया गया है। कमिश्नर ने 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट स्पष्ट अभिमत के साथ तलब की है। चित्रकूट से भास्कर ब्यूरो राकेश शर्मा के मुताबिक इस संबंध में कुलपति से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो पाया। 
शासन को मिली थीं शिकायतें: ------
आरोप हैं कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति के विरुद्ध वित्तीय अनियमितिताओं और विश्वविद्यालय अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही नहीं करने की शिकायतें शासन स्तर पर की गई थीं। इसी सिलसिले में  राज्य शासन के अवर सचिव के आदेश (पत्र क्रमांक-356/2762020/38-3 दिनांक-19-2-20) के तहत रीवा संभाग के कमिश्नर ने जांच टीम बनाई है। उल्लेखनीय है, मौजूदा कुलपति प्रो.गौतम ग्रामोदय में विगत 6 वर्षों से सेवारत हैं। उधर, सूत्रों के मुताबिक शिकायतों के मद्देनजर 50 करोड़ के विभिन्न निर्माण कार्य, उपकरणों की आपूर्ति, उपहार समाग्रियों, किताब खरीदी, शासकीय यात्राओं के नाम पर राजनैतिक यात्राओं, मस्टर कर्मियों की भर्ती,  पीएचडी कार्यक्रम और केंद्र-राज्य के करोड़ों के बजट के मुद्दे भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। 
 ये हैं आरोप  
 राज्य शासन की धारा 1973 के तहत चल रहे मध्यप्रदेश के समस्त शासकीय विश्व विद्यालयों के बावजूद चित्रकूट  स्थित  महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्व विद्यालय राज्य शासन के विशेष अधिनियम 1991  के तहत चल रहा था। जिसके तहत कुलपति को कुलसचिव  की नियुक्ति करने का अधिकार दिया गया था लेकिन वर्ष 2009 राज्य शासन द्वारा जारी राजपत्र के जरिए  कुल सचिव और लेखा एवं वित्त नियंत्रक की पदस्थापना और स्थानांतरण करने के अधिकार  कुलपति से ले लिए गए थे। आरोप है कि मौजूदा कुलपति प्रो. नरेश चंद्र गौतम द्वारा पिछले अनेक सालों से विश्व विद्यालय के अंदर प्रभारी कुल सचिव और प्रभारी लेखा एवं वित्त नियंत्रक जैसे महत्वपूर्ण पद पर राज्य शासन के नियमों के विपरीत पदस्थापनाएं कीं।  
जिससे आर्थिक क्षति हुई।  
ऐसा पहली बार नहीं:--- 
्र्रग्रामोदय विश्वविद्यालय के किसी कुलपति के विरुद्ध उच्चस्तरीय जांच का ये पहला मामला नहीं है। ग्रामोदय के पूर्व कुलपति प्रो.ज्ञानेन्द्र सिंह के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप प्रमाणित पाए जाने पर वर्ष 2010 में तबके राज्यपाल और कुलाधिपति ने प्रो.सिंह को अपदस्थ करते हुए लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन प्रो.केबी पांडेय को कुलपति के पद पर पदस्थ किया गया था। इस मामले में प्रो.ज्ञानेन्द्र सिंह को उच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिली थी।
 

Created On :   17 March 2020 1:25 PM IST

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