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सूदखोरों का कहर: पिता के बाद जवान बेटे ने भी मौत को लगाया गले
डिजिटल डेस्क जबलपुर। जिस बेटे को सूदखोरों से बचाने के लिए पिता ने मौत को गले लगाया था। पिता की मौत भी बेटे को उन्हीं सूदखोरों के आतंक से नहीं बचा पाई। चार माह पूर्व पिता द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद सूदखोरों से तंग आकर आखिरकार पुत्र ने भी फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना रांझी थाना क्षेत्र के बजरंग नगर में हुई, िजसमें एक हँसता-खेलता परिवार उजड़ गया। जवान महिला विधवा हो गई और उसके दो मासूम बच्चों के िसर से िपता का साया छिन गया। मृतक ने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें कई सूदखोरों के नाम लिखे हुए हैं। पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त करने के बाद चार लोगों को हिरासत में ले लिया है, वहीं अन्य आरोपियों की तलाश चल रही है।
रांझी पुलिस ने बताया िक बजरंग नगर दुर्गा मंदिर के पास रहने वाले 32 वर्षीय आलोक पांडे ने अपने घर पर फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घर पर आलोक की बड़ी बहन अर्चना पांडे थी, जिसने सोमवार की सुबह भाई को फंदे पर झूलता देखकर मोहल्ले वालों को बुलाया। सूचना पर पहुँची पुलिस की मौजूदगी में शव को फंदे से उतारकर पीएम के लिए भिजवाया गया। कमरे की तलाशी में आलोक द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट और डायरी मिली, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। इसमें चार सूदखोरों द्वारा लगातार दी जा रही धमकियों से तंग होकर आत्महत्या करने की बात लिखी हुई थी।
पिता ने भी किया था सुसाइड
आलोक के साले िनकेश बाजपेयी ने बताया कि चार माह पूर्व उनके जीजा के पिता उदयभान पांडे ने भी सूदखोरों की धमकियों से तंग होकर आत्महत्या की थी। दरअसल उदयभान को जब बेटे के सूदखोरों के जाल में फंसे होने की जानकारी लगी थी तब उन्होनें कई लोगों का पैसा भी चुका दिया था लेकिन इसके बावजूद सूदखोरों की धमकियाँ कम नहीं हुईं। चार माह पूर्व उन्होंने परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। िनकेश ने बताया िक उनके जीजा आलोक इंजीनियरिंग करने के बाद पहले एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे। 2019 से वे सिविल कॉन्ट्रेक्ट्री के साथ घर पर बनी कपड़ा दुकान में बहन के साथ िमलकर काम करते थे।
दो पार्ट मेंं लिखा सुसायड नोट-
पुलिस सूत्रों की माने तो आलोक ने दो पार्ट में सुसायड नोट लिखा है, पहले पार्ट में उसने अरूण मिश्रा, मनोज सोनी, आकाश प्रजापति और गोलू यादव पर ब्याज चुकाने के बावजूद धमकाने की बात लिखी है, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दूसरे पार्ट में उसने कुछ लोगों के नाम तो लिखे हैं, लेकिन उन पर िकसी तरह का आरोप नहीं लगाया है।
सदमे में पत्नी, मासूम बच्चे हुए अनाथ-
मृतक आलोक के परिवार में उसकी पत्नी नेहा पांडे 28 वर्षीय, तीन वर्षीय बेटा िशवांश और ढाई माह की बच्ची िशवांशी हैं। दो िदन पूर्व नेहा अपने बेटे-बेटी को लेकर मायके में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने गई थी। पति की मौत की खबर पाकर सोमवार को लौटी नेहा पहले ससुर और अब पति की मौत से बुरी तरह आहत और सदमे में है। बेटे िशवांश को जब िपता के अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया तो वह बुरी तरह बिलखने लगा। नेहा दुधमुँही िशवांशी को गोद में लेकर बेसुध बैठी रही।
आईपीएल सट्टे का लेन-देन
पुलिस जाँच में यह बात भी सामने आई है कि मृतक आलोक क्रिकेट का सट्टा खेलने लगा था, जिसके कारण उस पर काफी कर्ज हो गया था। इसके कारण सूदखोर उसे धमकियाँ देते रहते थे। ये बात भी सामने आई है कि दो िदन पूर्व सूदखोर आलोक के घर पहुंचे थे, जहां उन्होनें अभद्रता करने के बाद उसकी स्कूटी छीन ली थी।
रांझी सूदखोरों का गढ़, वर्दीधारी भी शामिल-
रांझी में ज्यादातर परिवार आयुध निर्माणियों के कर्मचारियों के हैं। इसलिए रांझी सालों से सूदखोरों का गढ़ बना हुआ है। कई बार पुलिस ने अभियान चलाए, लिस्ट बनाई, गिरफ्तारियाँ भी कीं। लेकिन समय के साथ हर बार मामला ठंडा पड़ जाता है। सूत्रों की मानें तो सूदखोरी के गोरखधंधे के नेटवर्क में कई वर्दीधारी भी शामिल हैं, जिनके माध्यम से सिर्फ रांझी ही नहीं बल्कि पूरे शहर में कई नामीगिरामी लोग सूदखोरी का धंधा कर रहे हैं। रांझी थाना क्षेत्र में चार दिन पूर्व ही िसद्ध नगर में रहने वाले राकेश ठाकुर नाम के युवक ने सूदखोरों की प्रताडऩा से तंग होकर आत्महत्या की थी। उक्त मामले में पुलिस ने सुनील सोनकर व अभिषेक शुक्ला, अमित सराठे, सचिन सराठे पर प्रकरण दर्ज कर सुनील और अभिषेक को िगरफ्तार कर लिया था।
बजरंग नगर में रहने वाले 32 वर्षीय युवक ने सूदखोरों की प्रताडऩा से तंग होकर आत्महत्या की है। मृतक के पास िमले सुसाइड नोट के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।
-विजय परस्ते, टीआई रांझी
Created On :   13 Dec 2021 10:40 PM IST