घुंघरुओं की झंकार ने मोहा...लाइव बैंड और माइम परफॉर्मेंस भी रही जोरदार

दैनिक भास्कर फैमिली फन फेस्ट प्रस्तुतियों ने मोहा सबका मन घुंघरुओं की झंकार ने मोहा...लाइव बैंड और माइम परफॉर्मेंस भी रही जोरदार


डिजिटल डेस्क जबलपुर। कान्हा न माने...राधा न बोले...गीत पर नटखट कान्हा और राधिका रानी की अनोखी प्रस्तुतियाँ रहीं, तो दूसरी ओर तुझे याद कर लिया है आयत की तरह... गीत पर सूफी अन्दाज देखने मिला। साइकिल पंचर... लोक गीत में कालबेलिया नृत्य...आज इबादत रूबरू हो गई...गीत पर कथक नृत्य की शानदार परफॉर्मेंस कलाकारों ने दी। यह नजारा भंवरताल गार्डन स्थित कल्चरल स्ट्रीट में आयोजित दैनिक भास्कर फैमिली फन फेस्ट में बुधवार को दिखा। जहाँ कथक नृत्यांगनाओं ने अनूठी और भव्य प्रस्तुतियों से लोगों को मंत्रमुग्ध किया। दर्शकों को माइम और लाइव बैंड की प्रस्तुति भी काफी पसंद आई।  
नुक्कड़, नृत्य और गीतों की भी प्रस्तुति...
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटी समप्रभ... वदंना की प्रस्तुति नवरंग कथक कला केन्द्र के कलाकारों ने दी। नृत्य गुरु मोती शिवहरे के निर्देशन में कलाकार ईशाना, अंशिका, आराध्या, सौम्या, वर्णिका, काव्या, वर्तिका, अंकिता गनोरे, हर्षिता, अदिती, अनन्या, आयुषी ने हुनर का जादू चलाया। संतोष राजपूत के निर्देशन में माइम कलाकार तान्या, वैशाली, सुरभि, प्रज्ञाश्री, निहारिका ने नाटक का मंचन किया, जिसमें लोगों को कोरोना से अब तक के सफर से रू-ब-रू कराया। रैपर सागर ने देर शाम तक प्रस्तुतियाँ दीं।
यंगस्टर्स बनवा रहे लाइव स्कल्पचर
फेस्ट में फाइन आर्ट स्टूडेंट कृष्ण यादव अपने स्कल्पचर के हुनर से सभी को आकर्षित कर रहे हैं। यंगस्टर्स भी कलाकार से अपना पोट्र्रेट स्कल्पचर में तैयार करवा रहे हैं। आर्टिस्ट द्वारा मिट््टी से हूबहू चेहरा केवल 30 मिनट में रेडी किया जा रहा है।
कैनवास पर कला का हर रंग...
कल्चरल स्ट्रीट स्थित संस्कृति थिएटर में जारी है फेस्टिवल जलम
मैंने कभी कला का इतिहास नहीं पढ़ा क्योंकि हमारे टीचर हमें कहते थे कि पेंटिंग के विद्यार्थी हो उसी पर ध्यान दो।
ऐसे ही वक्तव्यों के साथ कल्चरल स्ट्रीट स्थित संस्कृति थिएटर में इत्यादि आर्ट फाउंडेशन के तीन दिवसीय आर्ट, लिटरेचर एंड म्यूजिक फेस्टिवल जलम के दूसरे दिन की शुरूआत हुई, जो कि विचार विमर्श , काव्य पाठ और संगीत के नाम रहा...। प्रथम सत्र के प्रमुख वक्ता एम.एस. यूनिवर्सिटी (बड़ौदा) के असि. प्रो. पीयूष ठक्कर एवं कला लेखक,आर्ट क्यूरेटर और चित्रकार सुमन सिंह थे। अध्यक्षता चित्रकार और लेखक अखिलेश ने की । दूसरे सत्र में देश के अलग अलग क्षेत्रों से आए कवियों ने रचनाओं का पाठ किया। वहीं संगीत संध्या में भोपाल की प्रसिद्ध ध्रुपद गायिका धानी गुंदेचा ने मधुर गायन से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। फेस्ट के दौरान देश के कोने कोने से पहुँचे आर्टिस्ट विविध अभिव्यक्ति दे रहे हैं।
पत्थरों में फँूकती हैं जान
चण्डीगढ़ से आईं स्कल्पचर आर्टिस्ट गुरमीत गोल्डी ने कहा िक बेजान पत्थर को वे अपने हुनर से जीवंत कर देती हैं। उनकी मूर्तिकला में रिलेशनशिप को उजागर करती हैं। वे बताती हैं कि जब भी वो स्कल्पचर बनाती हैं उसका टाइटल नहीं होता...इसे लोगों की सोच से उन्हें नए-नए आइडिया मिल जाते हैं।
जबलपुर से है इमोशनल अटैचमेंट
अमेरिका से आए कैलीग्राफर व अभिनेता अमोल जयंत सराफ ने बताया कि आज वे जो भी हैं वो अपने पिता, भाई और भाभी की वजह से हैं। कैलीग्राफी उन्होंने पिता जयंत काशीकर सराफ से सीखी। पिता उन्हें बताया करते थे कि हर अक्षर अपना एक स्वभाव प्रदर्शित करता है, इसलिए अक्षर हमेशा सुन्दर बनाने चाहिए। वे बताते हैं कि उनका जबलपुर से इमोशनल अटैचमेंट है।

 

Created On :   28 Dec 2022 11:23 PM IST

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