बलात्कारी चौरासी बाबा को आजीवन कारावास, अर्थदण्ड भी देना होगा

The rapist Chaurasi Baba will also be given life imprisonment and fine
बलात्कारी चौरासी बाबा को आजीवन कारावास, अर्थदण्ड भी देना होगा
बलात्कारी चौरासी बाबा को आजीवन कारावास, अर्थदण्ड भी देना होगा


डिजिटल डेस्क बालाघाट। आरक्षी केन्द्र लामता के बलात्कार के एक मामले में  सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद गुप्त की अदालत ने चौरासी बाबा उर्फ लालचंद पिता कपूरचंद बिरनवार को आजीवन कारावास की सजा और २९ हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है। मामले में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक एम.एम. द्विवेदी ने पैरवी की थी।
गौरतलब हो कि चौरासी बाबा उर्फ लालचंद बिरनवार पर ईलाज के लिए आश्रम पहुंची महिला ने झाडफ़ूंक के दौरान आश्रम में उसके साथ उसकी मर्जी के बिना जबरदस्ती दुष्कर्म किए जाने की शिकायत की थी।   लामता के नरसिंगा आश्रम में चौरासी बाबा उर्फ लालचंद बिरनवार, पंडा गिरी करता था, जिसने अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया था। जिसके चर्चे दूर-दूर तक थे, जिसके पास कई लोग अंधविश्वास के चलते इलाज कराने पहुंचते थे। जहां प्रतिवर्ष नरसिंगा भगवान का मेला लगता था और बड़ी संख्या में दूर-दूर से लोग वहां पहुंचते थे।
महिला ने ९ मार्च २०१२ को नरसिंगा आश्रम के संचालक चौरासी बाबा उर्फ लालचंद बिरनवार के खिलाफ लामता थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी तबियत खराब रहने के कारण वह ५ मार्च २०१२ को चौरासी बाबा उर्फ लालचंद बिरनवार के नरसिंगा आश्रम अपने बेटे के साथ गई थी। जहां उसे इलाज के लिए बाबा ने पांच दिन रूकने की बात कही और ७ मार्च को झाडफ़ूंक के दौरान रात में चौरासी बाबा ने उसकी मर्जी के बिना उसके साथ दुष्कर्म किया और किसी को इस घटना की जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। जिसके दूसरे दिन जब उसके पति आश्रम पहुंचे तो उन्होंने घटना की जानकारी पति को दी। पुलिस ने इस मामले में आरोपी चौरासी बाबा उर्फ लालचंद बिरनवार के खिलाफ धारा ३७६,३४२ एवं ५०६ के तहत अपराध कायम किया था। इस मामले में पुलिस की शिकायत के बाद से चौरासी बाबा उर्फ लालचंद बिरनवार लगातार फरार चल रहा था। जिसे पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया था। जिसके बाद मामले की संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था।
आज २ दिसंबर को सुनवाई उपरांत  न्यायालय ने आरोपी चौरासी बाबा उर्फ लालचंद बिरनवार को दोषी पाते हुए धारा ३७६(१) में आजीवन कारावास और २५ हजार रुपये अर्थदंड, धारा ३४२ में एक वर्ष का कारावास और एक हजार रूपये जुर्माना अर्थदंड एवं धारा ५०६ में ३ वर्ष का कारावास एवं ३ हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित करने का आदेश दिया है।

Created On :   2 Dec 2019 5:10 PM GMT

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