पायली गांव के वाशिन्दों ने लगाई हाईकोर्ट में गुहार, कहा- कम से कम मूलभूत सुविधाएं तो दे सरकार

The residents of Payli village pleaded in the High Court, the government should provide basic facilities
 पायली गांव के वाशिन्दों ने लगाई हाईकोर्ट में गुहार, कहा- कम से कम मूलभूत सुविधाएं तो दे सरकार
 पायली गांव के वाशिन्दों ने लगाई हाईकोर्ट में गुहार, कहा- कम से कम मूलभूत सुविधाएं तो दे सरकार

गांव वालों के पत्र को हाईकोर्ट ने जनहित याचिका का दिया दर्जा, सरकार व अन्य को नोटिस जारी, अगली सुनवाई 26 को
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
संभागीय मुख्यालय से महज 60 किमी की दूरी पर स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पायली गांव के वाशिन्दों ने हाईकोर्ट को पत्र भेजकर सरकार द्वारा किए जाने वाले दावों की कलई खोली है। पत्र में आरोप है कि वहां पर न तो रोजगार के कोई साधन हैं और न ही मूलभूत सुविधाएं। उनकी मांग है कि जरूरी सुविधाएं दिलाने सरकार को उचित निर्देश दिए जाएं। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद ईमेल से सरकार व अन्य को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 26 जून को होगी।
सिवनी जिले के घंसौर विकासखण्ड के ग्राम पायली में रहने वाले चेनसिंह डेहरिया व अन्य की ओर से यह पत्र 18 जून को हाईकोर्ट को भेजा गया था। हाथ से लिखे गए इस पत्र की इबारत को संजीदगी से लेते हुए उच्च न्यायालय प्रशासन ने उसे चीफ जस्टिस के समक्ष रखा। चीफ जस्टिस ने विगत 22 जून को पत्र में उठाए गए मुद्दों को जन महत्व का मानकर उसे जनहित याचिका का दर्जा दिया और फिर उस पर सुनवाई करने के निर्देश जारी किए थे।
इनको जारी हुए ईमेल से नोटिस- मामले पर सुनवाई के दौरान शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र यादव हाजिर हुए। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने मप्र सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, सिवनी कलेक्टर के अलावा वहां के जिला और जनपद पंचायतों के सीईओ को ईमेल से नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
ये हैं पायली गांव के वाशिन्दों की मुख्य समस्याएं
1- रोजगार के साधन न होने के कारण गांव के गरीब अपने परिवार को नहीं पाल पा रहे।
2- पीएम आवास योजना के मकान बनवाए जाएं, क्योंकि वहां अब तक एक भी मकान नहीं बना।
3- कलकुही से पायली तक सड़क न होने से छात्रों को दिवारी, शिकारा और सूरजपुरा के स्कूलों तक आने-जाने में दिक्कतें होती है।
4- गांव में कुछ शौचालए आधे-अधूरे बनाए गए। शौच के लिए लोग जंगल और नर्मदा किनारे जाने मजबूर हैं।
 

Created On :   24 Jun 2020 8:44 AM GMT

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