इस वर्ष भद्रा योग नहीं, शुभ मुहूर्त में किया जाएगा होलिका दहन

This year, Holika Dahan will be done in auspicious time, not Bhadra Yoga
इस वर्ष भद्रा योग नहीं, शुभ मुहूर्त में किया जाएगा होलिका दहन
इस वर्ष भद्रा योग नहीं, शुभ मुहूर्त में किया जाएगा होलिका दहन

होलिका के दर्शन करने से शनि, राहु-केतु दोष से मिलती है मुक्ति
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
इस वर्ष होलिका दहन में अशुभ माने जाने वाले भद्रा योग की बाधा नहीं रहेगी। इसलिए होलिका दहन शुभ मुहूर्त में किया जाएगा। 28 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 29 मार्च को रंगों का पर्व मनाया जाएगा। पं. रोहित दुबे ने बताया कि इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 6.30 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक रहेगा, इसके साथ ही चौघडिय़ा में शुभ, लाभ व अमृत के दौरान भी होलिका दहन किया जा सकता है। होलिका पर्व का पहला दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन होलिका दहन किया जाता है।  इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन करने या फिर उसके दर्शन मात्र से ही व्यक्ति को शनि, राहु-केतु के साथ नजर दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही होली की भस्म का टीका लगाने से नजर दोष तथा प्रेतबाधा से मुक्ति मिलती है। अगर आप अपनी कोई मनोकामना पूरी करना चाहते हैं, तो जलती होली में 3 गोमती चक्र हाथ में लेकर अपनी इच्छा को 21 बार मन में बोलकर तीनों गोमती चक्र को अग्नि में डालकर अग्नि को प्रणाम करके वापस आ जाएँ। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति घर में होली की भस्म चाँदी की डिब्बी में रखता है, तो उसकी कई बाधाएँ अपने आप ही दूर हो जाती हैं। कार्यों में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए आटे का चौमुखा दीपक सरसों के तेल से भरकर उसमें कुछ दाने काले तिल के, एक बताशा, सिन्दूर और एक ताँबे का सिक्का डालकर उसे होली की अग्नि से जलाएँ। अब इस दीपक को घर के पीडि़त व्यक्ति के सिर से उतारकर किसी सुनसान चौराहे पर रखकर बगैर पीछे मुड़े वापस आकर अपने हाथ-पैर धोकर घर में प्रवेश करें।
 

Created On :   24 March 2021 9:22 AM GMT

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