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टाइगर की हत्या के फरार 3 में से 2 आरोपी की रहस्यमय गिरफ्तारी, बबुली डकैत से हुआ सौदा ?

डिजिटल डेस्क, सतना। मझगवां पुलिस ने वन विभाग के रेंज आफिस के मीटिंग हाल से तकरीबन 3 दिन पहले भागे टाइगर की हत्या के 3 में से 2 आरोपियों को कररिया गांव के अमरइया जंगल में घेर कर पकड़े जाने का दावा किया है। पुलिस का ये भी दावा है कि इसी धरपकड़ के दौरान तीसरा आरोपी भाग निकला। उधर, इस रहस्यमयी गिरफ्तारी के बीच वन विभाग के मझगवां रेंज के ही एक जिम्मेदार अफसर ने नाम छिपाने की शर्त पर दावे के साथ कहा कि तीसरा भी 20 मई को वापस आ जाएगा। अगर, इस वन अफसर के दावे में इतना ही दम है तो फिर पुलिस की धरपकड़ का दावा भी अनेक सवालों के दायरे में है।
बीच में था गैंग लीडर बबुली
वन विभाग के ही भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि भाग कर सीधे साढ़े 5 लाख के इनामी अंतरराज्यीय गैंग लीडर बबुली कोल की शरण में पहुंचे आरोपियों के कानूनी हर्जे-खर्चे की बात पक्की हो जाने के बाद रज्जन कोल और राजेश उर्फ धीरु मवासी तो मध्यस्थ के माध्यम से बांका पिपरा के जंगल में मझगवां पुलिस को सौंप दिए गए, लेकिन ज्वाला सतनामी हाथ में नकदी की शर्त पर ही पुलिस के पास जाने को तैयार था। कहते हैं, बबुली ने वन अफसरों तक प्रत्येक आरोपी के मान से कुल 3 लाख की नकदी की पेशकश की थी।
बताया जा रहा है कि वन अफसरों ने रज्जन कोल और राजेश के हिस्से की नकदी तो मध्यस्थ तक पहुंचा दी, मगर ज्वाला के मामले में गतिरोध के कारण उसकी हाजिरी एक दिन के लिए टल गई। आरोपी रज्जन रिश्ते में दस्यु सरगना बबुली का भांजा बताया जाता है। गौरतलब है, चित्रकूट के एसडीओ वीपी तिवारी और निलंबित रेंजर एसएन पांडेय ने भी आरोपियों की तलाश के लिए वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों से 2-4 दिन की मोहलत ली थी। इन अफसरों ने तलाश में लगी वन विभाग की टीमों को जंगल से वापस बुला लेने की भी शर्त रखी थी। काम बनते ही 3 में से 2 आरोपी अंत: सामने आ गए। तीसरे के 20 मई को आ जाने का दावा है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2,9,39, 50 और 51 तथा मझगवां थाने में आईपीसी के सेक्शन 224 के तहत अपराध कायम है।
और, अब चौकीदार पर चाबुक चलाने की तैयारी
डुडहा नाला में करंट से टाइगर की हत्या, इस मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों की फारेस्ट रिमांड से सनसनीखेज फरारी और फिर 3 में से 2 आरोपियों की रहस्यमयी गिरफ्तारी का ये किस्सा यहीं खत्म नहीं होता है। आरोपियों को मीटिंग हाल का दरवाजा खोल कर आराम से भगाने की करतूत में शामिल 2 वन कर्मियों को बचाने के लिए अब मझगवां रेंज आफिस के चौकीदार रामबेटा गौतम पर चाबुक चलाने की तैयारी चल रही है। आरोप है कि उस पर इस आशय का बयान देने का दबाव बनाया जा रहा है कि वो लघु शंका के लिए मीटिंग हाल के अंदर गया और उसी वक्त आरोपी भाग निकले। सवाल ये है कि बाहर तकवारी कर रहे चौकीदार को लघु शंका के लिए उसी हाल के अंदर जाने की क्या जरुरत थी,जहां आरोपी बंद थे?
केस को कमजोर करने की कोशिश के आरोप
विधिक मामलों के जानकार बताते हैं कि आरोपियों को अदालत में संदेह का लाभ दिलाने के लिए केस को कमजोर करने की हर संभव कोशिशों का खेल शुरु हो चुका है। सूत्रों के अनुसार सच ये है कि सुनियोजित साजिश के तहत आरोपी भगाए गए और फिर मीटिंग हाल के रोशनदान तोड़े गए। चूंकि रोशनदान से बाहर निकल कर भागने की कहानी किसी के गले नहीं उतरी तो नया किस्सा गढऩे की कवायद शुरु हो गई। उल्लेखनीय है, इस मसले में चित्रकूट के एसडीओ वीपी तिवारी और रेंजर एसएन पांडेय की गर्दन फंस गई है। सीएफ राजीव मिश्रा ने रेंजर को सस्पेंड कर दिया है तो सीसीएफ अतुल खेरा ने एसडीओ के खिलाफ कार्यवाही का प्रस्ताव शासन को भेजा है। 3 वन रक्षक निलंबित हैं और 2 स्थाई कर्मियों की बर्खास्तगी भी तय है। गौरतलब है, करंट से टाइगर की हत्या का अमिरती निवासी एक आरोपी अनिल कोल जहां अभी भी फरार है,वहीं वारदात के फौरन बाद हिरासत में लिए गए इसी गांव के गजराज कोल को झमेले में ही फंसे वन अफसर पहले ही क्लीन चिट दे चुके हैं।
Created On :   20 May 2019 2:14 PM IST