अब तरह-तरह के फ्लेवर में मिलेगा आदिवासियों का पारंपरिक पेय महुआ, रायगढ़ में लगेगा प्लांट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आदिवासियों का पारंपरिक पेय महुआ (स्थानीय मदिरा) अब इनके तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह जल्द ही सबके लिए बाजार में उपलब्ध होने जा रहा है। केन्द्र सरकार ने रोजगार सृजन के साथ आदिवासियों की वित्तीय सेहत सुधारने के अपने प्रयास के तहत महुआ को एक ब्रांड के तौर पर बाजार में उतारने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार ने महाराष्ट्र को चुना है। ट्राइबल कापरेटिव मार्केटिंग डेवलेपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राइफेड) के निदेशक प्रवीर कृष्ण ने भास्कर से विशेष बातचीत में यह जानकारी दी है।
प्रवीर कृष्ण बताते हैं कि आदिवासियों की आमदनी बढ़ाने के क्रम में ट्राइफेड की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में महुआ को अलग-अलग फलों के फ्लेवर के साथ ट्राइबल हेरिटेज ड्रिंक के रुप में इसे बाजार में उतारने की योजना बनाई गई। इसके लिए हमने आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर डेढ़ साल तक रिसर्च किया। कृष्ण ने बताया कि फिलहाल महुआ को अनार, अमृद और अदरक के साथ बाजार में उतारने की तैयारी पूरी कर ली है। उन्होने कहा कि अगले तीन महीने के भीतर हर हाल में इसे बाजार में उतारने की तैयारी है।
महुआ का उपयोग अब तक शराब बनाने के लिए होता रहा है। तो क्या फलों के साथ बनाए जा रहे इस पेय में भी अल्कोहल होगा? इसके जवाब में हालांकि उन्होने इस पेय में अल्कोहल की मात्रा के बारे में तो नहीं बताया, लेकिन कहा कि यह सबके लिए होगा। उन्होने बताया कि महुआ हेरिटेज के नाम से यह पेय लाइसेंस धारक दुकान पर ही उपलब्ध होगा।
महाराष्ट्र के रायगढ़ में होगा प्लांट
कृष्ण ने बताया कि प्रारंभिक रुप से इसका प्लांट महाराष्ट्र के रायगड़ में स्थापित किया जा रहा है। ट्राइफेड अपने मालकियत की पांच एकड़ भूमि पर यह प्लांट खड़ा कर रही है। जिसके लिए ट्राइफेड की ओर से 5 करोड़ रुपए की राशि दी गई है। उन्होने बताया कि इसके बाद छत्तिसगढ के जगदलपुर में भी दूसरा प्लांट स्थापित किया जा रहा है।
आदिवासी ही होंगे इसके डिस्ट्रीब्यूटर
मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ, ओडिशा और गुजरात आदि राज्यों में महुआ का लाखों टन उत्पादन होता है। आदिवासियों का आय का यह एक बड़ा स्त्रोत है। उन्होने कहा कि महुआ हेरिटेज पेय के निर्माण के लिए महाराष्ट्र के गडचिरोली जिले के आदिवासियों से ही न्यूनतम समर्थन मूल्य से महुआ खरीदा जायेगा। आदिवासी डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से ही पेय का देशभर मंल विक्रय किया जायेगा।
Created On :   28 Feb 2019 10:11 PM IST