खराब कनेक्टिविटी के चलते टली रिज रोड मामले की सुनवाई

Trial ridge road case hearing due to poor connectivity
खराब कनेक्टिविटी के चलते टली रिज रोड मामले की सुनवाई
खराब कनेक्टिविटी के चलते टली रिज रोड मामले की सुनवाई

केन्ट बोर्ड ने जवाब देकर कहा- रोड के किनारे विभिन्न कार्यों में खर्च किए 1 करोड़ 11 लाख 72 हजार रुपए
डिजिटल डेस्क जबलपुर
। रिज रोड का गेट बंद करने को चुनौती देने वाली सिविल लाईन निवासी अनिल साहनी और दीपक ग्रोवर की जनहित याचिका पर सोमवार को इंटरनेट की खराब कनेक्टिविटी के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई नहीं हो पाई। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले पर 7 सितंबर को आगे सुनवाई करने कहा है।
हाईकोर्ट ने बीते 8 जुलाई को पूछा था कि संबंधित भूमि स्थानीय सेना प्रशासन की कैसे है? इस पर केन्ट बोर्ड के सीईओ सुब्रत पाल ने अपना संक्षिप्त जवाब देकर कहा है कि रिज रोड सिविल एरिया के बाहर स्थित है और स्थानीय सेना प्रशासन ही उसके रखरखाव के लिए सक्षम है। इसी के तहत बोर्ड ने  रिज रोड के किनारे सौन्दर्यीकरण के 15 अलग-अलग कार्यों में कुल 1 करोड़ 11 लाख 72 हजार रुपए खर्च किए गए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी, केन्ट बोर्ड की ओर से अधिवक्ता विक्रम सिंह और नगर निगम की ओर से अधिवक्ता ऋत्विक पाराशर हाजिर हुए।
गोपाल लालजी मंदिर ट्रस्ट में 2 ट्रस्टियों की नियुक्ति को चुनौती
श्री गोपाल लालजी मंदिर ट्रस्ट में दो ट्रस्टियों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ ने नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। मंदिर ट्रस्ट की ओर से अधिवक्ता गिरीश श्रीवास्तव की दलील थी कि 16 जुलाई 2015 को हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के मुताबिक ट्रस्ट के प्रबंधन का मामला रजिस्ट्रार ने 11 सितंबर 2017 को निराकृत कर दिया था। उनका आरोप था कि प्रवीण मालपाणी द्वारा पेश किए गए प्रकरण पर दो ट्रस्टियों की नियुक्तियां अवैधानिक है।

Created On :   25 Aug 2020 8:51 AM GMT

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