माँ की गोद में मृत बेटे का वीडियो वायरल, परिजनों का आरोप कि समय पर नहीं मिला इलाज

Video of son dead in mothers lap goes viral, family members allege that treatment was not received on time
माँ की गोद में मृत बेटे का वीडियो वायरल, परिजनों का आरोप कि समय पर नहीं मिला इलाज
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने घटना की जाँच के दिए निर्देश माँ की गोद में मृत बेटे का वीडियो वायरल, परिजनों का आरोप कि समय पर नहीं मिला इलाज


 डिजिटल डेस्क जबलपुर। अस्पताल परिसर में एक माँ अपने 5 साल के बेटे के शव को गोद में लेकर बिलखती रही। बार-बार बेटे को देखकर वह बस यही कह रही थी कि एक बार उठ जा.. लेकिन यह संभव नहीं था। मासूम की साँसें थम चुकी थीं। मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरगी का है। परिजनों का आरोप है कि वे अस्पताल पहुँचे तो डॉक्टर नहीं थे इसलिए बच्चे को समय पर इलाज नहीं मिल पाया। मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। बात प्रशासनिक और स्वास्थ्य अधिकारियों तक पहुँची तो जिला प्रशासन ने ट्वीट कर बताया कि बच्चे को परिजन मृत अवस्था में ही उसे अस्पताल लेकर आए थे। डॉक्टरों की टीम ने बालक को अटैण्ड किया, जिसमें पाया कि बालक की साँसें थम चुकी हैं। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने घटना की जाँच के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बरगी स्वास्थ्य केंद्र पहुँचकर स्टाफ के बयान लिए, परिजनों से भी बात की। जाँच कर रही चिकित्सकों की टीम ने जलने से पैर में हुए घाव और इस वजह से फैले इंफेक्शन से बच्चे की मृत्यु होने की संभावना व्यक्त की है।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार तिन्हेटा देवरी निवासी परिजन 5 साल ऋषि गोंड को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य बरगी लाए थे। परिजनों का आरोप है कि उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद बुधवार की सुबह 10 बजे बच्चे को अस्पताल लाए थे, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले। एक नर्स ड्यूटी पर थी। इलाज में देरी के चलते बच्चे ने दम तोड़ दिया।
जाँच टीम ने कहा - बच्चे के बाएँ पैर में थे जलने के घाव
एसडीएम जबलपुर पीके सेनगुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ की गई जाँच में यह पाया गया कि ऋषि को परिजनों द्वारा 31 अगस्त की सुबह 10.15 बजे मृत अवस्था में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरगी लाया गया था। मौके पर मौजूद डॉ. लोकेश श्रीवास्तव ने मृत अवस्था में लाए गए बच्चे का विधिवत परीक्षण भी किया, जिसमें पल्स बंद पाई गई थीं। बच्चे के बाएँ पैर में जलने के घाव भी थे। बच्चे के पिता को पीएम कराने कहा गया लेकिन उनके द्वारा मना कर दिया गया और शव को लेकर चले गए।
जाँच में यह भी सामने आया
- स्टाफ से मिली जानकारी और उनके दर्ज किए गए बयानों में स्पष्ट हुआ कि पिछले 5-6 दिनों से ऋषि दस्त की बीमारी से पीडि़त भी था और परिजन प्राइवेट में कहीं इलाज करा रहे थे।
- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरगी में मौजूद एएनएम जयश्री मालवीय एवं सफाई कर्मी मुन्नी बाई ने अपने बयान में बताया कि बच्चे के पिता द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र में पर्ची भी बनवाई गई थी, लेकिन जब उन्हें बताया गया कि बच्चा पूर्व से ही मृत है तब उनके द्वारा उस पर्ची को फाड़कर फेंक दिया गया।
- एसडीएम और तहसीलदार को बच्चे के पिता ने बताया कि बच्चे का पैर जलने का इलाज तहसील शहपुरा स्थित पटी चरगवाँ में किसी निजी चिकित्सक के यहाँ दो-तीन दिन से चल रहा था। पिता से जब पूछा गया कि बच्चे का उल्टी-दस्त की बीमारी का इलाज वहाँ क्यों नहीं कराया गया, इसका उसने कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया।
बच्चे की अस्पताल पहुँचने से पहले ही मौत हो चुकी थी। मौके पर चिकित्सक मौजूद थे। उन्होंने बच्चे को देखने के बाद ही मृत्यु होने की पुष्टि की थी।
डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ

 

Created On :   1 Sept 2022 11:05 PM IST

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