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न्यायिक सुधारों के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार हो - सेवानिवृत्ति पर बोले जस्टिस जगदीश प्रसाद गुप्ता
डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस जगदीश प्रसाद गुप्ता ने कहा कि न्यायिक सुधारों के लिए 25 वर्षों का विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर काम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायिक सुधारों के लिए दीर्घकालीन योजनाओं का नहीं होना चिंताजनक है। जस्टिस गुप्ता ने ये विचार शुक्रवार को अपने विदाई समारोह में व्यक्त किए। जस्टिस गुप्ता ने कहा कि विगत दो दशकों में न्यायिक सुधारों के लिए समय-समय पर कई योजनाएँ बनीं। अक्सर देखा जाता है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में नए मुख्य न्यायाधीशों के आने से न्यायिक सुधारों की दिशा बदल जाती है। उन्होंने कहा कि मप्र हाईकोर्ट में 3 लाख 85 हजार से अधिक मुकदमे लंबित हैं। हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या स्वीकृत पदों से आधी है। ऐसे में न्यायाधीशों की नियुक्ति में ज्यादा विलंब नहीं किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के लिए एथिक्स ट्रेनिंग होना चाहिए। जस्टिस गुप्ता ने कहा कि मैं आज ये सब नहीं कहूँ तो मैं अपने और सिस्टम के प्रति ईमानदार नहीं हूँ। इस मौके पर चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमन पटेल, हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज शर्मा, स्टेट बार कौंसिल के सदस्य राधेलाल गुप्ता ने विचार व्यक्त किए।
Created On :   20 March 2021 6:48 PM IST