महाराष्ट्र के 12 जलाशय लबालब, चौरई से तोतलाडोह पहुंचा पानी, जानिए- क्या कहता है मौसम

Water reached Totladoh from Chaurai, Water used from dead stock
महाराष्ट्र के 12 जलाशय लबालब, चौरई से तोतलाडोह पहुंचा पानी, जानिए- क्या कहता है मौसम
महाराष्ट्र के 12 जलाशय लबालब, चौरई से तोतलाडोह पहुंचा पानी, जानिए- क्या कहता है मौसम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठवाड़ा को छोड़कर दूसरे अंचल में हुई दमदार बारिश के कारण प्रदेश के 12 जलाशयों में 100 प्रतिशत जलभंडारण हुआ है। चंद्रपुर के असोलामेंढा, अहमदनगर के भंडारदरा, नाशिक के भाम, वाघाड, करंजवरण, पुणे के भामा, आसखेड, पानशेत, टेमघर, सातारा के वीर, सोलापुर के उजनी, पालघर के कवडास और बारवी जलाशय लबालब भर गए हैं। राज्य के कुल 3267 जलाशयों में पिछले साल के मुकाबले फिलहाल ज्यादा जलसंग्रह है। इन जलाशयों में 60.25 प्रतिशत पानी है जबकि पिछले साल इसी दौरान 56.96 प्रतिशत पानी उपलब्ध था। रविवार को प्रदेश सरकार के जलसंसाधन विभाग से यह जानकारी मिली। इसके अनुसार नागपुर विभाग के 384 जलाशयों में 38.55 प्रतिशत जलभंडारण है जबकि पिछले साल 40.28 प्रतिशत पानी उपलब्ध था। अमरावती विभाग में बीते साल के 42.61 प्रतिशत की तुलना में फिलहाल 27.67 प्रतिशत पानी है। औरंगाबाद विभाग के 964 जलाशयों में 30.56 प्रतिशत पानी की उपलब्धता है। जबकि पिछले साल यहां के जलशायों में केवल 18.6 प्रतिशत पानी था। नाशिक विभाग के 571 जलाशयों में 59.23 प्रतिशत पानी है जबकि पिछले साल 52.36 प्रतिशत जलसंचय हुआ था। पुणे विभाग के 726 जलाशयों में 84.67 प्रतिशत पानी है। पिछले यहां के जलाशयों में 78.83 प्रतिशत पानी था। कोंकण विभाग के 176 जलाशयों में बीते साल के 89.68 प्रतिशत की तुलना में 85.97 प्रतिशत पानी है। जलसंसाधन विभाग के अनुसार औरंगाबाद के जायकवाडी जलाशय में फिलहाल 91.83 प्रतिशत पानी था। जबकि पिछले वर्ष इस दौरान जायकवाडी में सिर्फ 29 प्रतिशत पानी बचा था। वहीं नागपुर के खिडसी जलाशय में 15.69 प्रतिशत, वडगांव जलाशय में 72.44 प्रतिशत, तोतलाडोह जलाशय में 5.64 प्रतिशत, नांद जलाशय में 68.45 प्रतिशत, कामठी खैरी जलाशय में 27.61 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। 

चौरई प्रकल्प में 92 प्रतिशत जल भंडारण

इधर रामटेक के चौरई प्रकल्प में 92 प्रतिशत जल भंडारण के बाद 15 अगस्त की सुबह करीब 10.30 बजे के दौरान उसके दो गेट खोल कर 200 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया। यह पानी पेंच नदी से 110 किमी की दूरी तय कर तोतलाडोह में पहुंच रहा है। तोतलाडोह का जल-भंडारण स्तर इस कारण  अब 5 प्रतिशत तक पहुंचा है। अधिकारियों ने बताया कि प्रकल्प सुरक्षा नीति के अनुसार गेट खोले गए। शनिवार को दो गेट 60 सेमी से घटाकर 30 सेमी तक खोले गए। आगे पानी की उपलब्धता के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। चौरई से पानी छोड़े जाने की खबर से किसानों में हर्ष है। रामटेक, मौदा, पारशिवनी के किसानों को सिंचाई के लिए आसानी से पानी मिल सकता है। तोतलाडोह में जैसे-जैसे जल-भंडारण बढ़ेगा, खासकर नागपुर शहर के लिए ये संजीवनी का काम करेगा। तोतलाडोह कैचमेंट एरिया (2300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र) में हर साल औसत 900 िम.मी. बारिश होती है। तोतलाडोह की जलभंडारण क्षमता 1016.88 एमएमक्यूब है। 

डेड स्टॉक से उठाया था पानी

सिंचाई विभाग के जानकारों ने बताया कि 20 जुलाई के बाद नागपुर और उसके आस-पास बारिश शुरू हुई, लेकिन तोतलाडोह के कैचमेंट एरिया में जैसी बारिश होनी चाहिए, वैसी नहीं हुई। कैचमेंट के जिस क्षेत्र में सर्वाधिक बारिश होती है, वह तामिया क्षेत्र चौरई बांध के कैचमेंट एरिया में चला गया। मूसलाधार बारिश के नाम पर हल्की-फुल्की बारिश ही हुई। ऐेसे में शुरू की 200-300 मि.मी बारिश जमीन पी गई। यह बारिश भू-गर्भ को रिचार्ज करने में काम आई। यहां डेड-स्टॉक की क्षमता 150 एमएमक्यूब है। मई में तोतलाडोह बांध खाली होने के बाद करीब 50 एमएमक्यूब के करीब पानी डेड-स्टॉक से उठाया गया था।

9 छोटे बांध और कई उप-नदियां

तोतलाडोह और चौरई बांध के बीच करीब 110 किलोमीटर की दूरी है। इस बीच 9 छोटे-छोटे बांध और कई उप-नदियां हैं। 60 से 70 एमएमक्यूब इन बांधों में पानी जमा होता है। कुछ पानी उप-नदियां भी साथ में बहा ले जाती हैं। 

नुकसान का बड़ा कारण ये भी

मप्र सरकार ने पिछले साल से चौरई बांध में पानी रोकना शुरू किया है। मध्यप्रदेश का पानी सीधे तोतलाडोह में आता था, जिस कारण साल भर हमें चिंता नहीं होती थी। अब चौरई बांध में पानी रोके जाने से महाराष्ट्र के हिस्से में आने वाला पानी सीमित हो गया है। यही कारण है कि तोतलाडोह बांध भरना भी मुश्किल हो गया है। फिलहाल तोतलाडोह को सुरंग के जरिए कन्हान नदी से नहर जोड़ने का निर्णय लिया गया है। हालांकि इस प्रोजेक्ट में 5 से 6 साल लगने का अनुमान है।  

और तीन दिन बनी रह सकती है उमस

लोगों को उमस व गर्मी का सामना और तीन दिन तक करना पड़ सकता है। द्रोणिका ऊपर उठने से सिस्टम बन नहीं रहा आैर तापमान में वृद्धि हो रही है। जिले में कुछ स्थानों पर बुंदाबांदी हो सकती है, लेकिन भारी बारिश की संभावना नहीं है। शनिवार को नागपुर का अधिकतम तापमान 33.3 डिग्री व न्यूनतम तापमान 23.7 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना नहीं है। तापमान इसी तरह बना रहेगा। द्रोणिका ऊपर ऊठने से सिस्टम तैयार नहीं हो रहा। तापमान बढ़ने से उमस व गर्मी का एहसास हो रहा है। सिस्टम तैयार नहीं होने से आसमान में पूरी तरह बादल नजर नहीं आ रहे। बीच-बीच में हल्के बादल जरूर दिखाई दे सकते हैं। दो-तीन दिनों तक इसी तरह धूप नजर आएगी।
 

Created On :   18 Aug 2019 12:59 PM GMT

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