पातालकोट पहुंचे जंगली हाथी, वन विभाग और ग्रामीणों से हुआ सामना -पटाखे फोड़कर भगाया

Wild elephants reached Patalkot, confronted by forest department and villagers - busted by bursting firecrackers
 पातालकोट पहुंचे जंगली हाथी, वन विभाग और ग्रामीणों से हुआ सामना -पटाखे फोड़कर भगाया
 पातालकोट पहुंचे जंगली हाथी, वन विभाग और ग्रामीणों से हुआ सामना -पटाखे फोड़कर भगाया

 डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। तामिया/परासिया। हाथी पहाड़ और पगडंडी मार्ग से पातालकोट पहुंच गए है। जिले के तामिया ब्लाक के सभी पांचों वन परिक्षेत्र में भ्रमण करते हुए दो जंगली हाथी सोमवार को पातालकोट के गेलडुब्बा क्षेत्र के जंगल में पहुंच गए। ये दोनों हाथी तामिया वन परिक्षेत्र में भोडिय़ापानी गांव के समीप जंगल में मौजूद थे। वन विभाग के अधिकारी हैरत में हैं कि खतरनाक खंदक को जंगली हाथी कैसे आसानी से पार कर आगे बढ़ रहे हैं। जंगलों में घूम रहे हाथियों को ग्रामीण क्षेत्रों में आता देख उन्हें खदेडऩे का प्रयास किया गया। इन्हें खदेडऩे के लिए वन विभाग की टीम ने पटाखे जलाए और बाजे बजाए।  दरअसल हाथी जिस रुट से आ रहे थे वन विभाग ने हाथियों को उसी दिशा में लौटाने का प्रयास किया। इसके लिए विभाग और आसपास के ग्रामीणों के साथ बाजे भी बजवाए और फटाके भी जलाए गए। लेकिन इस प्रयास से हालात और बिगड़ गए पटाखों और बाजों की आवाज से हाथी आक्रमक हो गए जिसके कारण इसे बीच में ही रोका गया। वन विभाग के अधिकारियों की माने तो इसके बाद सोमवार को दोनों हाथियों के लिए पहाड़ी चढ़ाई और ढलान कोई मायने नहीं रख रही है। इनकी रफ्तार भी पालतू हाथियों की अपेक्षा काफी अधिक है। हाथी की मौजूदगी को ध्यान में रखकर उनके प्रवास मार्ग के गांवों में वन विभाग पहुंचकर ग्रामीणों को अलर्ट कर रहे है।
तीन माह से क्षेत्र के आसपास
उड़ीसा प्रांत के जंगल से आए दो जंगली हाथी विगत तीन माह से छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी के सीमावर्ती जंगलों में विचरण करते हुए गत 5 मार्च को झिरपा और देलाखारी के जंगल पहुंचे थे। इसके बाद इनकी लोकेशन सतपुड़ा टायगर रिजर्व नेशनल पार्क पचमढ़ी थी। एक बार फिर 15 मार्च को ये दोनों हाथी देलाखारी और तामिया के जंगल में देखे गए। वहीं अब वो तामिया और छिंदी के जंगल मेें विचरण कर पातालकोट की खतरनाक खंदक में पहुंच गए हैं।
वन विभाग अमले का हुआ आमना-सामना
जंगली हाथी का वन विभाग के स्थानीय अमले को पहली बार सामना करना पड़ रहा है। जिससे उन्हें हाथी के व्यवहार को समझना भी मुश्किल हो रहा है। रविवार को तामिया के भोडिय़ापानी जंगल में पहुंचे इन हाथियों के करीब जाने वन विभाग के मैदानी अमला और ग्रामीणों ने प्रयास किया तो गुस्साएं हाथी तेज आवाज निकालते हुए उनकी ओर आक्रामक मुद्रा में बढऩे लगे। जिससे कुछ समय के लिए वन विभाग की मैदानी टीम और ग्रामीणों में भगदड़ मच गई।
किसी तरह का कोई नुकसान नहीं :
जंगली हाथी अब तक जंगल में भ्रमण कर रहे हैं। इनके द्वारा किसी भी तरह के कोई भी जान माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। अब तक हाथियों ने खेतों की फसलों का भी नुकसान नहीं किया है। इंसान के करीब पहुंचने का प्रयास करने पर हाथी उन्हें अपने से दूर रखने अक्रामक मुद्रा बना रहे हैं।
इनका कहना है---
जंगली हाथी अपना रूट खुद चुन रहे हैं। उनसे मानवीय दखल को दूर रखने का प्रयास हो रहा है। ग्रामीणों को सचेत कर हाथियों से दूरी बनाए रखने समझाइश दी गई है।
--- आशीष पांडेय, प्रशिक्षु सहायक वन संरक्षक- तामिया
 

Created On :   17 March 2020 8:39 AM GMT

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