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काम होता सिर्फ 20 प्रतिशत, दिखाया ऐसा जाता है मानो 80 प्रतिशत हुआ हो

शहर में बिछाई जा रही सीवर लाईन के मामले पर हाईकोर्ट की टिप्पणी-सरकार बताए 210 करोड़ कहां खर्च हुए , अगली सुनवाई 13 मार्च को
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर में चल रहे सीवर लाईन के काम पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को टिप्पणी करते हुए कहा कि यह सामान्य समझ की बात है कि काम होता सिर्फ 20 प्रतिशत है, लेकिन उसको दिखाया ऐसा जाता है, जैसे 80 फीसदी हो गया हो। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सरकार की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर कहा कि वो शपथपत्र देकर बताए कि शहर में कहां-कहां पर सीवर लाईन के नाम पर किस तरह 210 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस मत के साथ युगलपीठ ने अगली सुनवाई 13 मार्च को निर्धारित की है।
गौरतलब है कि जबलपुर में बिछाई जा रही सीवर लाईन से शहर के शांति नगर, कृष्णा कालोनी, त्रिमूर्ति नगर, कमला नेहरू नगर और जगदम्बा कालोनी के लोगों को हो रही परेशानियों की खबर दैनिक भास्कर के 20 सितंबर 2017 के अंक में पेज नंबर 2 पर च्प्रापर्टी चेम्बर से जोड़े घरों के सीवर कनेक्शन, बंद कर दी गईं नालियां, पानी निकासी की जगह नहीं, अब राहत बनी मुसीबत -शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। इसी खबर पर तत्कालीन चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने संज्ञान लेकर उसकी सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश जारी किए थे। उसके बाद से हाईकोर्ट द्वारा सीवर लाईन के काम की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। इसी मामले के साथ सौरभ शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका पर भी सुनवाई की जा रही है।
मंगलवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान अदालत मित्र के रूप में अधिवक्ता अनूप नायर, राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता भूपेश तिवारी और नगर निगम की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह हाजिर हुए। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश करके जबलपुर शहर में हुए सीवर लाईन के काम की संक्षिप्त रिपोर्ट पेश की गई। युगलपीठ ने सरकार को कहा कि वो पूरा ब्यौरा शपथपत्र पर पेश करे। किस मद में कितना खर्च हुआ: सरकार की रिपोर्ट पर युगलपीठ ने कहा कि वो नए सिरे से रिपोर्ट पेश करे। उसमें बताया जाए कि सीवर लाईन के नाम पर किस मद में कितना खर्च हुआ है। साथ ही उस खर्च से संबंधित सबूत भी रिपोर्ट में संलग्न किया जाए। इसी तरह शहर में सीवर लाईन से संबंधित योजना का सार भी पेश किया जाए। हम सीवीसी से कराएंगे जांच: सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार द्वारा पेश की जाने वाली रिपोर्ट को कोर्ट केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को जांच के लिए भेजेगी। युगलपीठ ने यहां तक कहा कि सीवीसी ही सच्चाई का पता लगाएगी कि खर्च का जो ब्यौरा सरकार ने पेश किया है, वह सही है नहीं।
Created On :   4 March 2020 1:16 PM IST