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स्कूली बच्चों के इनोवेटिव आइडिया को साकार कर रहे युवा इंजीनियर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्कूल, कॉलेज में स्टूडेंट को माॅडल बनाने की थ्योरी तो बताई जाती है, लेकिन प्रैक्टिकल के लिए उनके पास समय नहीं होता है। स्टूडेंट के दिमाग में इनोवेटिव आइडिया भी होते हैं, लेकिन उस आइडिया को मूर्त रूप देने में परेशानियां होती हैं। स्टूडेंट्स अपने मॉडल और प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए यहां-वहां भटकते हैं, लेकिन उन्हें प्रॉपर गाइडेंस नहीं मिलता है। ऐसे युवाओं का मार्गदर्शन करने और उन्हें सहयोग प्रदान करने के लिए युवा इंजीनियर चेतना भाऊका काम कर रहे हैं। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों के लिए "रोबो स्टूडियो इन्फो" वॉट्सएप ग्रुप तैयार किया है, जिसमें 70 से अधिक स्टूडेंट शामिल हैं। यह ग्रुप दसवीं तक के स्टूडेंट्स के लिए है। विद्यार्थियों को स्कूल से जो प्रोजेक्ट दिए जाते हैं, उसमें लगने वाली सामग्री या फिर उस मॉडल को कैसे तैयार किया जाता है, उसमें जो भी सामग्री लगती है वो उपलब्ध कराई जाती है।
स्टूडेंट्स भी करते हैं आइडिया शेयर
मैंने इंजीनियरिंग करने के बाद सोचा कि जॉब करने के बजाय स्टूडेंट्स को शिक्षित करने का काम किया जाए, क्योंकि मैंने देखा है कि मॉडल या प्रोजेक्ट तैयार करने में स्टूडेंट्स को बहुत भटकना पड़ता है। कई बच्चे तो बहुत ब्रिलियंट हैं, लेकिन उन्हें प्रॉपर गाइडेंस नहीं मिलने से वे पीछे रह जाते हैं। यहां तक कि, स्टूडेंट्स के पास नए-नए आइडियाज हैं। इसलिए स्टूडेंट्स की परेशानी सॉल्व करने के लिए वॉट्स एप ग्रुप तैयार किया। इसमें मैंने अपने सर आनंद कान्डगे को भी शामिल किया, ताकि वे अच्छी तरह से से स्टूडेंट्स को गाइड कर सकें। स्टूडेंट कोई मॉडल बनाना चाहता है, तो उसे यह जानकारी नहीं होती है कि, उस मॉडल में क्या लगेगा और वो सामग्री कहां मिलेगी। मैं हर वर्ष चीन जाकर मॉडल और प्रोजेक्ट से रिलेटेड चीजें खरीद कर लाता हंू और स्टूडेंट्स से आइडियाज भी शेयर करता हूं। हम इस ग्रुप के स्टूडेंट्स को सिखाते हैं, साथ ही कई स्टूडेंट्स से हमें भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
- चेतना भाऊका, इंजीनियर
नई चीजें सीखने को मिलती
"रोबो स्टूडियो इन्फो" ग्रुप में लगभग 70 से अधिक स्टूडेंट शामिल हैं। मैंने देखा है कि बच्चों को स्कूल में साइंस के बहुत सारे प्रोजेक्ट दिए जाते हैं। स्कूल में भी सीमित कक्षाएं होती हैं, इसलिए टीचर्स बच्चों को थ्योरी नॉलेज ही दे पाते हैं, वे उन्हे उस प्रोजेक्ट में क्या सामग्री लगनी है, या फिर किस तरह से मॉडल बनाना है, इस बारे में ज्यादा गाइड नहीं कर पाते हैं। इसलिए हम इस ग्रुप में स्टूडेंट्स को प्रॉपर गाइडेंस देते हैं। जब भी हम साइंस फेयर वगैरह में जातेे थे, तो देखते थे कि स्टूडेंट को उस मॉडल को बनाने में बहुत परेशानी आई, इसलिए रोबो स्टूडियो इन्फो ग्रुप तैयार किया गया। इसमें एक-एक स्टूडेंट को जोड़ते हुए आज उसमें 70 से अधिक स्टूडेंट शामिल हैं। ग्रुप के माध्यम से मॉडल बनाने में आने वाले टेक्निकल समस्याएं भी हल की जाती हैं। जब बच्चे हमारे पास कोई नया आइडिया लेकर आते हैं, तो हमारा भी नॉलेज बढ़ता है। साथ ही कई आइडिया भी हम शेयर करते हैं।
- आनंद कान्डगे, प्रशिक्षक
कोई भी प्रोजेक्ट बनाना हुआ आसान
पहले स्कूल में कोई प्रोजेक्ट या मॉडल बनाने के लिए दिया जाता था, तो मुझे बहुत परेशानी होती थी, साथ ही पैरेंट्स भी परेशान होते थे। जबसे रोबो स्टूडियो इन्फो ग्रुप ज्वाइन किया है, तबसे मॉडल संबंधी हर समस्या चुटकी में सॉल्व हो जाती है। मुझे साइंटिस्ट बनना है, इसलिए मैं हमेशा नई-नई चीजों के बारे में खोज करता रहता हूं। अब तो कोई भी मॉडल बनाना बहुत आसान हो गया है। मैंने फ्लाइट ऑपरेट सिस्टम का मॉडल तैयार किया है। साइंस फेयर आदि में हिस्सा लेने में मुझे अब कोई दिक्कत नहीं है। स्कूल में भी मॉडल तैयार करने के लिए मुझे टेंशन नहीं होती है।
- वेदांत सातपुते, स्टूडेंट
Created On :   3 April 2019 3:41 PM IST