Nagpur News: अब फर्जी शालार्थ आईडी घोटाले की जांच एसआईटी करेगी

अब फर्जी शालार्थ आईडी घोटाले की जांच एसआईटी करेगी
  • विधायक दटके ने उठाया मुद्दा
  • कहा-शिक्षण विभाग में सर्वाधिक भ्रष्टाचार

Nagpur News नागपुर सहित पूरे राज्य में चल रहे फर्जी शालार्थ आईडी घोटाले की जांच एसआईटी करेगी। यह घोषणा करते हुए शिक्षण मंत्री दादा भुसे ने विधानसभा में कहा कि इस विषय की समझ और जानकारी रखने वाले वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी बनाकर इसकी जांच की जाएगी। विधायक प्रवीण दटके ने यह मुद्दा जोर-शोर से उठाते हुए सरकार को ही आइना दिखाने का काम किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा देना पुण्य का काम है, लेकिन दुर्भाग्य से, सबसे अधिक भ्रष्टाचार शिक्षण विभाग में होता है।

मंत्री ने माना-कुछ गलत काम हुए : दटके ने विधानसभा में शालार्थ आईडी घोटाले का मुद्दा उठाते हुए शिक्षण मंत्री दादा भुसे पर सवालों की बौछार कर दी। इसका जवाब देते हुए दादा भुसे ने माना कि नागपुर विभाग में फर्जी शालार्थ आईडी का इस्तेमाल कर कुछ गलत काम किए गए हैं। इस मामले की जांच के लिए पुलिस एसआईटी का गठन किया गया है। शाला शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के जरिए समानांतर जांच चल रही है। अब तक 19 लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की गई है। शाला शिक्षा विभाग के निदेशक (योजना) की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। जांच में दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।

अतिरिक्त वेतन निकाला

दिवंगत शिक्षण अधिकारी सोमेश्वर नेताम के फर्जी हस्ताक्षर से 2012 से 2019 के बीच कुछ शिक्षकों की भर्ती की गई थी। कोरोना के बाद इन शिक्षकों को स्थायी दिखाकर उनका उस वर्ष का अतिरिक्त वेतन निकाल लिया गया।

दटके ने कहा कि शिक्षण विभाग में सभी ने इस पैसे का बंटवारा किया। पूछा- क्या इस मामले में आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं? क्या आप इसमें नियुक्त सभी लोगों की जांच करने जा रहे हैं? क्या आप दिए गए वेतन की वसूली करने जा रहे हैं?

ये सवाल भी दागे : सरकार द्वारा नियुक्त समिति के अध्यक्ष तीन बार बदल चुके हैं, क्योंकि तीनों के खिलाफ अपराध दर्ज थे। इसलिए उनमें से दो को गिरफ्तार किया गया। इसलिए क्या इस मामले को समझने वाले उपयुक्त अधिकारी को समिति में नियुक्त किया जाएगा? बोगस शालार्थ आईडी के प्रस्ताव को स्वीकार कर राज्य में 2700 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। क्या उनके खिलाफ आरोप तय किए गए हैं? क्या इस मामले की जांच के लिए नियुक्त एसआईटी में कोई ऐसा अधिकारी है, जिसे इस मामले की समझ है? क्या आप नागपुर विभाग में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के अन्य विभागों में हुए शालार्थ आईडी घोटाले की भी जांच करने जा रहे हैं?

...तब तक नहीं रुकेगा भ्रष्टाचार : दटके ने ऐसे अनेक सवालों की बौछार कर राज्य सरकार को ही कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि जब तक यह मामला सुलझ नहीं जाता, नागपुर विभाग में किसी भी अधिकारी को उपसंचालक के पद पर नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। दटके ने कहा कि जब तक नागपुर विभाग में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को नहीं बदला जाता, तब तक यह घोटाला नहीं रुकेगा।


Created On :   2 July 2025 11:40 AM IST

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