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Dharashiv News: बाढ़ग्रस्त करंजा गांव में उपमुख्यमंत्री शिंदे का दौरा, कर्ज़ में डूबे किसान ने की आत्महत्या

Dharashiv News. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 24 सितंबर को परंदा तालुका के बाढ़ग्रस्त करंजा गांव की शिंदे और कार्ले बस्तियों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित ग्रामीणों और किसानों से संवाद कर फसल और संपत्ति को हुए नुकसान की जानकारी ली। इस अवसर पर उनके साथ पालक मंत्री प्रताप सरनाईक, स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर, विधायक प्रो. डॉ. तानाजी सावंत, जिलाधिकारी कीर्ति किरण पुजारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मैनाक घोष, पुलिस अधीक्षक रितु खोखर, सहायक जिलाधिकारी रायवैया डोंगरे और तहसीलदार नीलेश काकड़े मौजूद थे।
गणमान्यों ने शिंदे बस्ती में चांगदेव शिंदे के क्षतिग्रस्त मकान का निरीक्षण किया। प्रभावित नागरिकों ने बस्ती के पुनर्वास की माँग रखी, जिस पर उपमुख्यमंत्री ने शीघ्र पुनर्वास का आश्वासन दिया। शिंदे ने कहा कि प्रभावितों को शीघ्र अस्थायी राहत प्रदान की जाएगी और पंचनामा बनाकर सहायता दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सहायता में किसी को वंचित नहीं किया जाएगा तथा नियमों में आवश्यक ढील दी जाएगी। इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने एनडीआरएफ की नाव से कार्ले बस्ती का दौरा कर प्रभावित नागरिकों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
भारी बारिश से फसल बर्बाद, कर्ज़ में डूबे किसान ने की आत्महत्या
उधर भूम तहसील के मत्रेवाड़ी गाँव के किसान लक्ष्मण बाबासाहेब पवार (42) ने 24 सितंबर को गाँव की एक पशुशाला में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पवार का खेत नदी के किनारे था और लगातार दो दिन की बारिश से उनकी ज़मीन व फसलें बह गईं। बताया जा रहा है कि इस नुकसान से वे गहरे तनाव में थे। पवार के परिवार में उनकी माँ, पत्नी और तीन छोटे बच्चे हैं। पवार पर दो ट्रैक्टरों का कर्ज़ था। उनके खेत में प्याज और सोयाबीन की फसल लगी हुई थी, जो बाढ़ के कारण पूरी तरह नष्ट हो गई। आशंका जताई जा रही है कि कर्ज़ चुकाने की चिंता और आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया। यह घटना उस समय हुई जब धाराशिव ज़िले में राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार, पालकमंत्री एवं परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक और स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का जायजा ले रहे थे। किसान संगठनों और ग्रामीणों का कहना है कि यदि सरकार तुरंत आर्थिक सहायता और मुआवजा घोषित करे, तो ऐसे किसानों को आत्महत्या से रोका जा सकता है और उन्हें संकट से उबारने में मदद मिलेगी।
Created On :   24 Sept 2025 6:05 PM IST