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Panna News: जंग-ए-करबला की याद में शहर में निकला ताजियों का जुलूस, मातमी पर्व मोहर्रम पर अकीदत के साथ निभाई परम्पराएं

- जंग-ए-करबला की याद में शहर में निकला ताजियों का जुलूस
- मातमी पर्व मोहर्रम पर अकीदत के साथ निभाई परम्पराएं
Panna News: मातमी पर्व मोहर्रम जिलेभर में अकीदत के साथ मनाया गया। शहर में आज देर शाम तेज बारिश हुई बावजूद इसके ताजियों का जुलूस निकाला गया। करबला की शहादत को याद कर फिर लोगों की आंखें नम हुई। शहर में या हुसैन के नारे गूंजते रहे। करबला के मंजर को याद कर लोगों की आंखों में आंसू नजर आए। 10 दिन चलने वाले इस पर्व को पूरी अकीदत व अहतराम के साथ मनाया गया। रविवार को मोहर्रम की 10 वीं तारीख को अकीदतमंदों ने ताजियों की जियारत कर करबला के शहीदों को नमन किया। तारीख ए इस्लाम में इमाम हुसैन का नाम शहीदों में दर्ज हैंए जो कभी भी मुस्लिम भाईयों के जेहन से नहीं उतर सकते। हर साल मोहर्रम के दिन उनकी शहादत की यादों का ताजा किया जाता है। इमाम हुसैन ने दुनिया को दिखाया कि बहादुरी, ईमानदारी, सच्चाई और हक परस्ती की जिन्दगी का एक पल बेईमानी की जिन्दगी के लाखों सालों से बेहतर है। करबला की घटना दुनिया की तारीख का एक ऐसा वाकया है जो 1300 साल का लंबा समय व्यतीत हो जाने के बाद भी दुनियां वालों के दिलों से दूर न हो सका। हर वर्ष मोहर्रम में इस घटना को याद किया जाता है और कयामत तक यह याद ताजा की जाती रहेगी। नबी ए पाक हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहे वसल्लम के नवासे हसन तथा हुसैन की कुर्बानी की याद में प्रत्येक वर्ष मनाया जाने वाला मातमी त्यौहार मोर्हरम आज विश्वास के साथ मनाया गया।
शनिवार को कत्ल की रात कही जाने वाली मोहर्रम की नौंवी तारीख को 10 बजे के बाद शहर के विभिन्न स्थानों पर ताजिया रखे गए। ताजिया रखने के पश्चात फातिहा ख्वानी मुस्लिम भाईयों ने पढे। वहीं शहर के कुछ प्रमुख चौराहों के पर लंगर ख्वानी हुयी। इस दौरान शरबत, जलेबी, मीठा चांवल, पुलाव, खीचडा वगैरहा का लंगर किया गया। शाम 08 बजे के बाद विभिन्न स्थानों से ताजियों का जुलूस के साथ उठकर गांधी चौक लाया गया। गांधी चौक से होते हुए कोतवाली, कटरा बाजार, बडा बाजार होते हुए अजयगढ चौराहा पहुँचे। इस दौरान बारिश के चलते ताजियों को पॉलिथिन से ढकने का प्रबंधन किया गया था। देर रात ताजियों का काफिला ढोल नगाडों के साथ कचेहरी चौराहा पहुंचा। तदोपरांत करबला शरीफ धरमसागर तालाब में फातिहा ख्वानी के लिए गए और फतिहा के बाद ताजियों को विभिन्न स्थानों में विसर्जन किया गया। मोहर्रम के मातमी पर्व को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा नगर में सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए। सुरक्षा के मद्देनजर ताजियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था के कडे इंतेजाम नजर आये। सौहार्दपूर्ण माहौल में मोहर्रम का त्यौहार परम्परागत से मनाया गया। गांधी चौक, कटरा बाजार, बडा बाजार, कोतवाली चौराहा, अजयगढ चौराहा स्थित क्षेत्रों सहित लगभग पूरे नगर में पुलिस प्रशासन की चौकसी रही।
बारिश के बीच पवई में निकाले गये ताजिया
मुस्लिम समाज द्वारा हसन हुसैन की शहादत के रूप में मनाया जाने वाला दस दिवसीय मोहर्रम पर्व के आखिरी दिन रविवार को ताजियों का जुलूस निकाला गया जिसमें नन्ही पवई, मिलोनीगंज, बड़ी पवई के ताजिया शामिल रहे। जुलूस नन्हीं पवई से शुरू हुआ जो नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए बडी पवई इमाम चौक पहुंचा जहां से मंगलभवन, झंडा बाजार होते हुए करबला के लिए रवाना हुआ। झमाझम बारिश के बीच युवाओं का उत्साह कम नहीं हुआ जुलूस के दौरान समाज के बच्चों द्वारा अपनी हुनर व कला का प्रदर्शन किया। सुरक्षा व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए बडी संख्या मे पुलिस बल मौजूद रहा।
रैपुरा में भी निकाले गये ताजिया
रैपुरा कस्बे में रविवार शाम मुहर्रम के अवसर पर ताजिया परंपरागत ढंग से निकाले गये। मुस्लिम समुदाय के काफी लोग इस दौरान शामिल हुए। जुलूस कस्बे के मुख्य मार्गों से होकर गुजऱा जिसमें युवाओं और बच्चों की भी उत्साहजनक भागीदारी रही। ढोल-नगाड़ों, मर्सियों और नारेबाजी के साथ माहौल गमगीन और आस्था से भरा रहा। कस्बे में विभिन्न स्थानों पर ताजिया की आकर्षक सजावट देखने को मिली जिससे पूरा क्षेत्र एक धार्मिक और सांस्कृतिक रंग में रंगा नजऱ आया। इस दौरान स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। शांति और सौहार्द बनाए रखने में पुलिस बल और समाजसेवियों की सक्रिय भूमिका रही। मुहर्रम पर विभिन्न समुदायों के लोगों ने भी ताजिया मार्ग में सहयोग कर भाईचारे की मिसाल पेश की।
शाहनगर में निकले ताजिया
मुहर्रम पर्व कस्बे में परम्परागत तरीके से ढंग से मनाया गया। मुहर्रम की दसवीं तारीख रविवार को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के सैदायियों ने मुख्यालय शाहनगर के विभिन्न स्थानों पर ताजिये के साथ जुलूस निकाला। इस दौरान पूरा माहौल गमगीन दिख रहा था। स्थापित ताजियों में अधिकांश कामा व जंजीरी मातम के साथ स्थानीय कर्बला में दफना दी गयीं। इस दौरान रंग-बिरंगी, विद्युत साज-सज्जा से सज्जित ताजियां आकर्षण का केन्द्र बनीं रही उन्हें देखने के लिए सडकों पर तांता लगा रहा। ताजिया का जुलूस कस्बे के ईमाम चौक से बोरी रोङ से मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग ढोल-नगाङा व ङीजे की ध्वनि में भ्रमण कराते हुए देवरी रोङ पन्ना कटनी मार्ग चौराहा पहुंचे और मेन मार्केट से होते हुये निकले मोहर्रम का जुलूस ताजिये के साथ भ्रमण कराते हुए विभिन्न स्थानों से होते हुए कर्बला में पहुंचकर ताजिया कर्बला में विसर्जित हुआ। इस दौरान पुलिस व प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहे।
Created On :   7 July 2025 5:23 PM IST