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Panna News: बदहाल व्यवस्था की बीमारी से जूझता बृजपुर उपस्वास्थ्य केन्द्र

- बदहाल व्यवस्था की बीमारी से जूझता बृजपुर उपस्वास्थ्य केन्द्र
Panna News: बृजपुर उपस्वास्थ्य केन्द्र काफी दिनों से बदहाली व अव्यवस्था की बीमारी से जूझ रहा है। जब इस स्वास्थ्य केन्द्र में स्वयं ही बुनियादी सुविधायें नहीं हैं तो यहां दूसरों का क्या उपचार होगा। सबसे बडी समस्या यहां कर्मचारियों की कमीं हैं जिससे यहां आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। वहीं गर्भवती महिलाओं को बिना इलाज के वापिस लौटने को मजबूर होना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि बरसात के मौसम में भी दो से तीन डिलीवरी एक साथ आने पर दूसरी डिलीवरी के लिए आने वाली प्रसूताओं को जगह की कमी के चलते धरती पर ही प्रसव के लिए मजबूर होना पड़ता है जो स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर एक बड़ा मज़ाक है।
केवल दो एएनएम के भरोसे स्वास्थ्य व्यवस्था
उपलब्ध जानकारी के अनुसार बृजपुर उप स्वास्थ्य केंद्र में केवल दो एएनएम पार्वती व प्रवीणा प्रजापति तैनात हैं। 24 घंटे डिलीवरी प्वाइंट चलाने की जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर है जो व्यावहारिक रूप से असंभव है। स्टाफ की इस भारी कमी के चलते कई गर्भवती महिलाओं को बिना डिलीवरी के ही वापिस लौटना पड़ रहा है। पिछले तीन महीनों के आंकड़े इस गंभीर स्थिति को और भी स्पष्ट करते हैं। जिसमें अप्रैल माह में ३४ डिलीवरी में से १० को रेफर किया गया व मई में २६ डिलीवरी आने पर १३ को रेफर किया गया। वहीं जून माह के प्रारंभ से अब तक २९ डिलीवरी में से ०८ को रेफर किया गया है। इसका कारण केवल और केवल स्वास्थ्य अमले की कमीं होना है। इन आंकड़ों से साफ है कि कुल 89 डिलीवरी के मामलों में से 31 को स्टाफ की कमी के चलते अन्य अस्पतालों में रेफर करना पड़ा है। यह दर्शाता है कि उप स्वास्थ्य केंद्र अपनी क्षमता से कहीं कम सेवा दे पा रहा है जिसका सीधा खामियाजा ग्रामीण महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है।
खराब उपकरण व टीकों की सुरक्षा पर सवाल
कर्मचारियों की कमी के साथ-साथ उप स्वास्थ्य केंद्र में खराब उपकरण भी गंभीर समस्याओं को जन्म दे रहे हैं। केंद्र में लगा फ्रिज लंबे समय से खराब पड़ा है जिसके चलते जीवनरक्षक ज़ेरोडोल टीकाकरण नहीं हो पा रहा है। टीबी, तपेदिक के टीके कर्मचारियोंं को निजी दुकानों में रखने पड़ रहे हैं। टीकों को निजी दुकानों में रखने से उनकी प्रभावशीलता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं जिससे मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होने का खतरा बना हुआ है। इस गंभीर समस्या से अधिकारी भी भलीभांति अवगत हैं लेकिन समाधान अभी तक दूर है।
प्रसूता महिला को बृजपुर में ही छोडकर चली गई एम्बूलेंस
वहीं बुधवार को एक प्रसूता महिला जिसे एम्बूलेंस के द्वारा ग्राम धनौंजा से बृजपुर उपस्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। जहां से उसे पन्ना के लिए रेफर किया गया। जिस पर एम्बूलेंस स्टॉफ द्वारा उसे पन्ना ले जाने से मना कर दिया गया व कारण बताया गया कि हमें रीवा का केस मिल गया है। जिस पर लोगों द्वारा कहा गया कि प्रसूता महिला को पन्ना तक छोड दें परंतु एम्बूलेंस स्टॉफ नहीं माना और वहां से निकल गया जिस पर इसकी जानकारी एसडीएम पन्ना को दी गई। जिस पर एसडीएम द्वारा सिविल सर्जन डॉ. आलोक गुप्ता को निर्देश दिए गए जिस पर सिविल सर्जन के कहने पर एम्बूलेंस स्टॉफ ने वापिस आकर प्रसूता महिला को एम्बूलेंस में लाकर पन्ना तक छोडा गया। बताया गया है कि उक्त प्रसूता महिला के चार बच्चों की पूर्व में ही डिलीवरी के दौरान मौत हो चुकी है।
इनका कहना है
सीएचओ की डिमाण्ड भेजी है पद रिक्त होने की वजह से स्वास्थ्य केन्द्र का कार्य प्रभावित हो रहा है।
डॉ. अभिषेक जैन, बीएमओ देवेन्द्रनगर
Created On :   26 Jun 2025 5:08 PM IST