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पन्ना: कांग्रेस का हांथ जिले में साफ, पन्ना की तीनों विधानसभाओं में खिला कमल
डिजिटल डेस्क, पन्ना। विधानसभा चुनाव २०२३ के लिए मध्य प्रदेश की सभी २३० विधानसभाओं के लिए दिनांक १७ नवम्बर को मतदान सम्पन्न हुआ था। भाजपा की फिर से सरकार बनेगी या फिर परिवर्तन के नारे के साथ कांग्रेस की सत्ता में वापिसी होगी। इसको लेकर दावे किए जा रहे थे जिसका पटाक्षेप आज ३ दिसम्बर को हुई मतगणना के साथ ही परिणाम आने से साफ हो गया। भाजपा को प्रदेश में प्रचण्ड मतों के साथ जीत हांसिल हो चुकी है। प्रदेश व्यापी भारतीय जनता पार्टी की लहर में पन्ना जिले में कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया है। पन्ना जिले की तीनों विधानसभाओं में से वर्ष २०१८ में कांग्रेस ने गुनौर विधानसभा में जीत दर्ज की थी परंतु वर्ष २०२३ के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपनी गुनौर विधानसभा सीट भी गवां दी। भाजपा को जिले की तीनों विधानसभाओंं में से दो विधानसभाओं पन्ना व पवई में जहां एक बार फिर से बडी जीत हांसिल हुई है वहीं गुनौर विधानसभा क्षेत्र में कांटे के मुकाबले में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की सीट को छींनने में कामयाब हो गई है। जिले में सबसे बडी जीत पवई विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी विधायक प्रहलाद लोधी को मिली। श्री लोधी ने अपने निकटतम प्रत्याशी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मुकेश नायक को करारी शिकस्त देते हुए २२०४३ मतों से पराजित कर दिया। भाजपा के प्रहलाद लोधी को १०६४११ मत तथा कांग्रेस के मुकेश नायक को ८४३६८ मत प्राप्त हुए।
पवई विधानसभा क्षेत्र से कुल १६ प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे भाजपा तथा कांग्रेस को छोडकर चुनावी मैदान में खडे सभी प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। जिले के पन्ना विधानसभा क्षेत्र की जनता ने मध्य प्रदेश शासन के मंत्री बृजेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह को उनके विकास कार्यों से फिर से अपना आर्शीवाद दिया। पन्ना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी भरत मिलन पाण्डेय को १७९१० मतों के अंतर से पराजित किया। बृजेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह ने ९६६६८ मत प्राप्त किए वहीं कांग्रेस के भरत मिलन पाण्डेय को ७८७५८ मत प्राप्त हुए। पन्ना विधानसभा क्षेत्र में कुल ११ प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे जिनमें से भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी को छोडकर चुनावी मैदान में खडे हुए अन्य प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। विधानसभा में बसपा एवं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की हालत भी काफी दयनीय रही। जिले के तीसरे विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित गुनौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी राजेश वर्मा ने कांग्रेस के प्रत्याशी जीवनलाल सिद्धार्थ को कडे मुकाबले में ११६० मतों के अंतर से पराजित किया। भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा को ७७१९६ मत मिले वहीं कांग्रेस के इंजीनियर जीवनलाल सिद्धार्थ को ७६०३६ मत प्राप्त हुए। गुनौर विधानसभा में कुल ९ प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे इस विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा व कांग्रेस को छोडकर सभी सात प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।
पन्ना विधानसभा में घाटी चढ़ते ही फूल खिला
पन्ना विधानसभा क्षेत्र में घाटी के नीचे जो कि अजयगढ का क्षेत्र कहा जाता है इसी क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी द्वारा भरत मिलन पाण्डेय को अपना प्रत्याशी बनाया गया था। कांग्रेस समर्थक विशलेषक घाटी के नीचे कांग्रेस प्रत्याशी की बढी बढत का दावा कर रहे थे और इसी घाटी के नीचे कितना दम है इसको लेकर लगातार चुनावी परिणामों के अनुमानों पर चर्चा हो रही थी परंतु कांग्रेस का घार्टी पर जीत का बडा दावा हुई मतगणना में घाटी के नीचे के मतदान केन्द्रों की गिनती के सामने आने से धराशायी हो गया। घाटी के नीचे बडा दमखम बताने वाली कांग्रेस पार्टी महज लगभग १२५ मतों से भाजपा प्रत्याशी बृजेन्द्र प्रताप सिंह से बढत बना पाई और जैसे ही घाटी के ऊपर के मतदान केन्द्रों की गिनती शुरू हुई कमल का फूल इस तरह खिला कि पन्ना विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला कांटे का भी नहीं रह गया और भाजपा के प्रत्याशी बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने अनुमानों से कहीं अधिक १७९१० मतों के अंतर से बाजी मार ली। भाजपा के प्रत्याशी बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने अपना पूरा चुनाव पन्ना विधानसभा क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व विकास कार्यों के नाम पर लडा था जिस पर जनता ने उनके विकास पर पूरा विश्वास जताते हुए प्रचण्ड मतों से जीत को उनकी झोली में डाल दिया। वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से जाति और घाटी का जो चक्रव्यू तैयार किया गया था वह बृजेन्द्र प्रताप सिंह के विकास कार्यों, नारों और वादों के साथ टूटकर धराशायी हो गया।
पवई विधानसभा में विकास के साथ क्षेत्रवाद का चला जादू
पवई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी प्रहलाद लोधी ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री मुकेश नायक को २२०४३ मतों के अंतर से पराजित करते हुए जिले में सबसे बडी जीत हांसिल की है। दूसरी बार जीत हांसिल कर प्रहलाद लोधी ने अपने आपको फिर से भाग्य का धनीं साबित किया। वर्ष २०१८ में जिला पंचायत सदस्य रहते हुए चुनाव लडने के प्रबल इरादे के साथ समाजवादी पार्टी से टिकिट हांसिल कर प्रहलाद लोधी ने विधानसभा चुनाव के लिए पर्चा भी दाखिल कर दिया था। सपा प्रत्याशी के रूप में वह कितने मत हांसिल कर पायेंगे इस पर भी कोई गौर नहीं कर रहा था परंतु पवई विधानसभा क्षेत्र में वर्ष २०१८ में पवई विधानसभा से बृजेन्द्र प्रताप सिंह की टिकिट घोषित करने के बाद उनकी घोषित टिकिट को बदलकर पन्ना विधानसभा से प्रत्याशी बना दिया गया था तथा सपा से घोषित प्रत्याशी के रूप में प्रहलाद लोधी को भाजपा ने पार्टी में शामिल करते हुए पवई विधानसभा क्षेत्र से टिकिट दे दी।
क्षेत्रवाद के नारे के बीच पवई विधानसभा क्षेत्र से करीब २४ हजार से अधिक मतों से जीत हांसिल कर पवई विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। विधायक चुने जाने के बाद वर्ष २०२० में कोविड के संक्रमण के चलते उन्हें जीवन संकट के दौर से गुजरना पडा इसके साथ ही साथ पैर के खराब हो जाने की वजह से वह अपने पूरे कार्यकाल के दौरान असहनीय दर्द झेलते हुए बार-बार उपचार के लिए अस्पतालों में भर्ती रहे। ऐसे में वह अपने क्षेत्र में अधिक समय नहीं दे पाए। श्री लोधी के स्वास्थ्य कारणों के चलते ज्यादातर लोगों का अनुमान था कि उन्हें पार्टी से वर्ष २०२३ में टिकिट नहीं मिलेगी इसको लेकर भाजपा से टिकिट की दावेदारी कर रहे कई दावेदारों ने एक मंच पर उतरकर उनका खुला विरोध शुरू कर दिया किंतु कहते हैं कि भाग्य जब प्रबल होता है तो कांटे अपने आप ही साफ हो जात हैं। कुछ ऐसा ही हुआ कि प्रहलाद लोधी को भाजपा द्वारा २०२३ में भी पवई विधानसभा से प्रत्याशी बना दिया गया। कांग्रेस से मुकेश नायक उनके सामने फिर से एक बार मुकाबले में थे। शुरूआत में लोग यह दावा करने लगे कि कांग्रेस के नेता मुकेश नायक के सामने प्रहलाद लोधी दूर-दूर तक टिक भी नहीं पायेंगे किंतु प्रबल भाग्य से प्रहलाद लोधी को लेकर जो प्रतिकूल परिस्थितियां दिख रहीं थीं वहीं उनके अनुकूल होने लगीं। भाजपा के विकास, जनकल्याण और लाडली बहिना योजना के साथ क्षेत्रवाद का जादू पवई विधानसभा क्षेत्र में जमकर चला और वह दूसरी बार पवई विधानसभा क्षेत्र से भारी मतों से जीत हांसिल करने में कामयाब हो गए हैं।
जीवन की किस्मत से इस बार भी दूर हुई विधायकी
गुनौर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी द्वारा इंजीनियर जीवनलाल सिद्धार्थ को इस बार प्रत्याशी बनाया गया था इंजीनियर जीवनलाल सिद्धार्थ द्वारा अपना राजनैतिक जीवन बहुजन समाज पार्टी से शुरू किया था और बसपा में रहते हुए वह लगातार कडी मेहनत करते रहे। बहुजन समाज पार्टी से वह लगातार चार बार विधानसभा का चुनाव लडे दो बार वह दूसरे स्थान पर भी रहे। विधानसभा चुनाव में उन्हें हर बार अच्छे खासे मत भी प्राप्त होते रहे और बसपा से वह जीत नहीं पा रहे हैं। इसे देखते हुए उन्होंने वर्ष २०१८ में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। पूर्व विधानसभा चुनाव में उनके मतों की टेली को देखते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने वर्तमान विधायक शिवदयाल बागरी की टिकिट काटकर कांग्रेस का प्रत्याशी भाजपा के राजेश वर्मा के मुकाबले घोषित कर दिया गया। बसपा की पृष्ठभूमि और कांग्रेस के हांथ के साथ इस बार गुनौर विधानसभा से उनकी जीत को लेकर ज्यादातर विशलेषक अनुमान लगा रहे थे। तमाम विशलेषक गुनौर विधानसभा को ही कांग्रेस के लिए मजबूत सीट के तौर पर देख रही थी किंतु आज जब मतों की गणना हुई तो जीवन के करीब आकर विधायकी उनसे दूर हो गई। भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा जो कि वर्ष २०१८ के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी शिवदयाल बागरी से मामूली अंतर से हार गए थे और इस बार कांटे के मुकाबले में जीवनलाल सिद्धार्थ को पराजित करने में वह सफल हुए।
कर्मचारियों ने भाजपा को तीनों विधानसभाओं में हराया
विधानसभा चुनाव को लेकर कर्मचारियों में पुरानी पेंशन की बहाली सबसे बडे मुद्दे के रूप में देखने को मिली। कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश में सरकार बनने पर कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू किए जाने की घोषणा की थी। वहीं भाजपा ओल्ड पेंशन स्कीम की प्रबल मांग के बावजूद इसे लागू करने के वायदे को लेकर दूर थी। जिसके चलते विधानसभा चुनाव में ज्यादातर कर्मचारी कांग्रेस के पक्ष में नजर आए। इसका रूप डाक मतपत्र से मतदान करने वाले मतदाताओं जिसमें राज्य के कर्मचारी जो कि चुनाव ड्यूटी में रहे उनकी संख्या कहीं अधिक थी उन्होंने पन्ना जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के खिलाफ और कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया। जिले के पन्ना विधानसभा क्षेत्र के लिए कुल २११८ डाक मतपत्र पडे जिसमें भाजपा के प्रत्याशी बृजेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह को मात्र ३८५ मत प्राप्त हुए उनके मुकाबले कांग्रेस पार्टी के भरत मिलन पाण्डेय को १०११ मत मिले तथा ६९८ डाक मत निरस्त हो गए। इसी तरह गुनौर विधानसभा के लिए कुल १५९३ डाक मत पत्र पडे जिनमें भाजपा के राजेश वर्मा को २८९ डाक मत मिले तथा कांग्रेस के जीवनलाल सिद्धार्थ को ८५३ डाक मत मिले वहीं ३९९ डाक मत निरस्त हो गए। जिले की पवई विधानसभा में कुल १४६२ डाक मत डले जिनमें से भाजपा के प्रहलाद लोधी को २८५ मत व कांग्रेस के मुकेश नायक को ७५८ डाक मत मिले तथा ३८१ डाक मत पत्र निरस्त कर दिए गए।
Created On :   4 Dec 2023 11:35 AM IST