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लम्पी वायरस की चपेट में आ रहा है गौवंश, पशु चिकित्सा विभाग द्वारा बीमारी से बचाने एवं उपचार को लेकर नहीं बनाई योजना
डिजिटल डेस्क, पन्ना। क्षेत्राचंल में पशु पालक इस समय तेजी के साथ गौ-वंशीय पशुओ में फैल रही लंपी वायरस की बीमार से चितांओ से घिरे हुए है। लंपी वायरस की चपेट में जो गौ-वंशीय पशु के आने के लगातार मामले सामने आ रहे है दुधारू पशुओ के बीमारी की चपेट की आने की वजह से दुग्ध उत्पादन और आपूर्ति की स्थिति प्रभावित हो रही है। लंपी वायरस की चपेट में आए पशुओं का नुकसान की आंशकाओं के चलते दुग्ध विक्रेता पशु पालकों से क्रय नही कर रहे है। एक ओर जहां पशुओ में लंपी वायरस का प्रकोप बढ रहा है वहीं दूसरी क्षेत्राचंल में पशु चिकित्सा विभाग की किसी भी प्रकार योजना इस बीमारी की रोकथाम तथा पशुओ के उपचार के लिए नहीं दिखाई दे रही है जिसके चलते पशुपालक परेशान होकर भटक रहे है। बताया जा रहा है कि लंपी वायरस एक त्वचा रोग है जो वायरस से फैलता है और गाय भैंसों में प्रमुखता से असर करता है यह संक्रामक बीमारी भी है इसलिए बेहद खतरनाक होने के साथ इलाज में समय लेती है पशुओं में यह वाइरस बहुत तेजी से अपने पांव पसारता है
अगर कोई पशु लंपी वायरस से संक्रमित हो जाए तो उसके शरीर पर परजीवी कीट मच्छर मक्खियों और दूषित जल दूषित भोजन और लार के संम्पर्क में आने से यह रोग अन्य पशुओं में भी फैल सकता है इस रोग से प्रभावित पशुओं में मृत्यु दर बहुत अधिक होती है लंपी वायरस के लक्षण दिखने वाले लक्षण संक्रमित मवेशी को हल्का बुखार रहता है त्वचा पर छोटी-छोटी गांठे बन जाती हैं मुंह से लार अधिक निकलता है आंख नाक से पानी बहता है पशुओं के पैरों में सूजन रहती है संक्रमित पशु के दूध उत्पादन में गिरावट आ जाती है गर्वित पशुओं में गर्भपात का खतरा रहता है और कभी-कभी पशु की भी मौत हो जाती है पशु के शरीर पर त्वचा में बड़ी संख्या में दो से पांच सेंटीमीटर आकर के कठोर गांठ बन जाती है। जो पशु लंपी बीमारी से ग्रसित है या संक्रमित हो उन्हें स्वस्थ पशुओं के झुंड से अलग रखें ताकि संक्रमण ना फेले कीटनाशक और विष्णु नाशक से पशुओं के परजीवी कितली,मक्खी और मच्छर आदि को नष्ट करना चाहिए पशुओं के रहने वाले बड़े की साफ -सफाई रखें जिस क्षेत्र में लंपी वायरस का संक्रमण फैल रहा है उसे क्षेत्र में स्वस्थ पशुओं की आवाजाही रोकी जानी चाहिए किसी पशु में लंपी वायरस के लक्षण दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए संक्रमित क्षेत्र में जब तक लंपी वायरस का खतरा खत्म ना हो तब तक पशुओं के बाजार मेले का आयोजन और पशुओं की खरीदारी बिक्री पर लोग रोक लगनी चाहिए लंपी बीमारी से ग्रसित पशु को कोरिटंआईन करना चाहिए स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराना चाहिए ताकि अगली बार उन्हें किसी तरह का संक्रमण न हो।
Created On :   6 Sept 2023 3:24 PM IST