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Panna News: ई-अटेंडेंस एप हमारे शिक्षक की राह में रोडा, पन्ना में 75 प्रतिशत से अधिक शिक्षक नहीं कर रहे उपयोग

- ई-अटेंडेंस एप हमारे शिक्षक की राह में रोडा
- पन्ना में 75 प्रतिशत से अधिक शिक्षक नहीं कर रहे उपयोग
Panna News: मध्यप्रदेश शासन द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया। ई-अटेंडेंस एप हमारे शिक्षक पन्ना जिले में उम्मीदों पर खरा उतरता नहीं दिख रहा है। ०1 जुलाई से इस एप को अनिवार्य किए जाने के बावजूद जिले के अधिकांश शिक्षक इसके उपयोग से कतरा रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक जिले के कुल 5522 शिक्षकों में से अब तक सिर्फ 1386 शिक्षकों ने ही इस एप के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है जो कुल संख्या का 25 प्रतिशत से भी कम है। यह स्थिति शिक्षकों को समय पर स्कूल भेजने की सरकारी मंशा पर सवाल खड़े करती है।
उदासीनता के पीछे कई कारण
शिक्षकों की इस उदासीनता के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं जिनमें नेटवर्क समस्या, तकनीकी दिक्कतें और शासन के कुछ कड़े निर्देश प्रमुख हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षक विशेष रूप से इस व्यवस्था से परेशान हैं जहां अक्सर नेटवर्क की समस्या बनी रहती है। गौरतलब है कि इन्हीं इलाकों से शिक्षकों के स्कूल न पहुंचने की शिकायतें भी अधिक सामने आती रही हैं।
हाफ -डे व वेतन कटौती का डर
शासन के निर्देशों के अनुसार शिक्षकों को सुबह ०8 बजे से 10:30 बजे के बीच एप पर अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। 10:30 बजे के बाद दर्ज की गई उपस्थिति को हाफ -डे माना जाएगा। इसके अतिरिक्त शाम ०5 बजे से ०5:30 बजे के बीच आउट टाइम भी एप पर दर्ज करना अनिवार्य है। यह पूरी उपस्थिति प्रणाली एमआईएस पोर्टल से जोड़ी जा रही है जिसका सीधा संबंध शिक्षकोंं के वेतन से होगा। वेतन कटौती के इस डर ने भी शिक्षकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
तकनीकी खामियों का अंबार
शिक्षकों का कहना है कि एप में कई तकनीकी खामियां हैं। वह बताते हैं कि एप अक्सर हैंग हो जाता है फिंगरप्रिंट या फोटो अपलोड फेल हो जाता है और कई बार इरर या नेटवर्क इरर दिखाता है। कुछ वरिष्ठ शिक्षक स्मार्टफोन और एप के उपयोग में निपुण नहीं हैं जबकि कुछ शिक्षकों को पुराने स्मार्टफोन पर एप के काम न करने की शिकायत है जिसके लिए उन्हें नया फोन खरीदने की आवश्यकता होगी। इन तकनीकी बाधाओं के कारण यह व्यवस्था फेल होती दिख रही है।
शिक्षक संगठनों की मांगें
शिक्षक संगठनों और विशेषज्ञों ने इस मामले में अपनी राय व्यक्त की है। उनकी प्रमुख मांगों में शामिल हैं जब तक एप पूरी तरह से कार्यशील न हो जाए तब तक वेतन कटौती जैसी सख्त कार्रवाई न की जाए। एप में ऑफलाइन मोड जोड़ा जाए ताकि नेटवर्क न होने की स्थिति में भी उपस्थिति दर्ज की जा सके। शिक्षकों की सहायता के लिए एक विभागीय हेल्पलाइन या तकनीकी हेल्प डेस्क स्थापित की जाए। वरिष्ठ शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएं। यह व्यवस्था सिर्फ शिक्षकों पर ही नहीं बल्कि सभी शासकीय कर्मचारियों पर लागू हो ताकि शिक्षकों के लिए ही यह धारणा न बने। कुछ शिक्षक संघों ने अपनी शिकायतों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है।
इनका कहना है
हमारे शिक्षक एप अनिवार्य किया गया है। जिले में तकनीकी कारणों से सभी शिक्षक इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में तकनीकी खामियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
रवि खरे, जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना
Created On :   12 July 2025 5:08 PM IST