Panna News: महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, उच्च न्यायालय ने लेखाकार के बराबर वेतन देने का दिया आदेश

महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, उच्च न्यायालय ने लेखाकार के बराबर वेतन देने का दिया आदेश
  • महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत
  • उच्च न्यायालय ने लेखाकार के बराबर वेतन देने का दिया आदेश
  • पन्ना के एडवोकेट सौरभ तिवारी ने दिलाई बड़ी जीत

Panna News: महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत समेकित बाल संरक्षण सेवा के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी जीत के रूप में उच्च न्यायालय जबलपुर न्यायाधीश मनिन्दर एस. भट्टी ने लेखाकार, आंकड़ा विश्लेषक, परामर्शदाता और सामाजिक कार्यकर्ता के पदों के बीच वेतनमान में असमानता को खत्म करने का महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। यह मामला तब सामने आया जब अगस्त 2023 में विभाग ने इन चारों पदों के लिए अलग-अलग ग्रेड पे निर्धारित कर दिया। इससे पहले इन सभी पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को योजना की शुरुआत से ही एक समान वेतन मिलता था। विभाग के इस फैसले से, लेखाकार का ग्रेड पे अन्य तीन पदों से अधिक हो गया था।

जिसे कर्मचारियों ने भेदभावपूर्ण और अन्यायपूर्ण माना। इस अन्याय के खिलाफ पन्ना निवासी एडवोकेट सौरभ तिवारी ने उच्च न्यायालय जबलपुर में आंकड़ा विश्लेषक शैलेंद्र शुक्ला और अन्य बनाम मध्यप्रदेश शासन की ओर से याचिका दायर की। न्यायालय ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने ऐतिहासिक निर्णय में आंकड़ा विश्लेषक को लेखाकार के बराबर ग्रेड पे देने का आदेश दिया। न्यायालय ने यह भी निर्देशित किया कि इस आदेश को 90 दिनों के भीतर लागू किया जाए। इस फैसले को एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि यह न केवल आंकड़ा विश्लेषकों को न्याय दिलाता है बल्कि यह उन अन्य कर्मचारियों के लिए भी उम्मीद जगाता है जिनकी याचिकाएं अभी भी विचाराधीन हैं। एडवोकेट सौरभ तिवारी के अनुसार परामर्शदाता और सामाजिक कार्यकर्ता की याचिकाओं पर भी इसी तरह का फैसला आने की पूरी संभावना है। जिससे इन सभी कर्मचारियों को समान वेतन मिल पाएगा। यह निर्णय सरकारी विभागों में समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत को मजबूती प्रदान करता है।

Created On :   22 Aug 2025 3:58 PM IST

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