Satna News: श्रमिक की मौत के साढ़े 3 घंटे बाद बनाया गया संबल कार्ड

श्रमिक की मौत के साढ़े 3 घंटे बाद बनाया गया संबल कार्ड
  • हितलाभ के लिए शव लेकर चौराहे में धरने पर बैठा परिवार
  • सरपंच शिवेंद्र सिंह ने 5 हजार रुपए की अंत्येष्टि सहायता राशि परिजनों को सौंपी।
  • आयुष्मान भारत योजना के तहत नि:शुल्क उपचार की सुविधा भी प्राप्त होती है।

Satna News: उचेहरा ब्लाक के वीरपुर में कैंसर से पीडि़त 57 वर्षीय महेंद्र कुशवाहा की मृत्यु के महज साढ़े 3 घंटे बाद रविवार को 56 दिन से पेडिंग संबल कार्ड अंतत: जारी कर दिया गया। इस मामले में जनपद स्तर पर कमाल की फुर्ती तब आई जब महेंद्र के अंतिम संस्कार के लिए सरकारी सहायता राशि की मांग को लेकर परिजनों ने नागौद -उचेहरा मार्ग पर पोड़ी चौराहे में शव रख कर प्रदर्शन शुरु कर दिया।

तभी यह तथ्य सामने आया कि संबल कार्ड के लिए श्रमिक का आवेदन उचेहरा जनपद की योजना शाखा में लगभग 2 माह से लंबित था। जबकि इसकी टाइम लिमिट 15 दिन है। प्रदर्शन दोपहर साढ़े 4 बजे तक चला। उधर, हंगामा बढ़ते देख रविवार अवकाश के बाद भी योजना प्रभारी आनंद ताम्रकार की नींद टूटी और 4 बज कर 29 मिनट पर आननन फानन में संबल कार्ड ऑनलाइन जारी कर दिया गया।

सचिव सस्पेंड: लेकिन कौन है जिम्मेदार

इसी बीच मामला संज्ञान में आने पर जिला पंचायत की सीईओ संजना जैन ने वीरपुर के पंचायत सचिव तरुण मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। मृतक के परिजनों का कहना है कि श्रमिक महेंद्र कुशवाहा ने संबल कार्ड के लिए 21 जून 2025 को ऑनलाइन आवेदन किया था। आवेदन को सत्यापित करते हुए वीरपुर के सचिव ने 6 जुलाई 2025 को उचेहरा जनपद पंचायत की लॉगिन में अपलोड कर दिया था।

आरोप है कि उचेहरा जनपद पंचायत के योजना प्रभारी आनंद ताम्रकार की लापरवाही के कारण महेंद्र कुशवाहा का संबल कार्ड का आवेदन पोर्टल पर पड़ा रह गया। रविवार को हंगामा होने पर नागौद के टीआई अशोक पांडेय और चौकी प्रभारी अनिल तिवारी मौके पर पहुंचे। सरपंच शिवेंद्र सिंह ने 5 हजार रुपए की अंत्येष्टि सहायता राशि परिजनों को सौंपी।

ये हैं हितलाभ

संबल योजना के तहत दुर्घटना मृत्यु पर 4 लाख, प्राकृतिक मृत्यु पर 2 लाख, स्थायी दिव्यांगता पर 2 लाख, आंशिक दिव्यांगता पर 1 लाख की सहायता राशि देने का प्रावधान है। अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाती है। यदि पात्र महिला श्रमिक है तो उसे 11 हजार रुपए की मातृत्व सहायता दी जाती है। पात्र हितग्राही के बच्चों का शिक्षा शुल्क का पूर्णरुप से कवरेज होता है। आयुष्मान भारत योजना के तहत नि:शुल्क उपचार की सुविधा भी प्राप्त होती है।

क्या है पात्रता

नियमों के तहत 18 वर्ष से 59 वर्ष के वे हितग्राही संबल योजना के पात्र होते हैं जो असंठित क्षेत्र के श्रमिक हों। विद्यार्थी अपात्र होते हैं। आवेदक के नाम पर 5 एकड़ से ज्यादा भूमि नहीं होनी चाहिए। उसे न तो सरकारी कर्मचारी होना चाहिए और न ही उसका पीएफ कटना चाहिए।

ऐसे बनता है संबल कार्ड :--

एमपी ऑनलाइन , कियोस्क या फिर सेल्फ माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जाता है। आवेदन पर पटवारी से प्रतिवेदन लेकर पंचायत सचिव 7 दिन के अंदर इस सत्यापित करते हुए जनपद के सीईओ की लॉगिन में अपलोड करता है। इसके बाद जनपद की योजना शाखा का प्रभारी 7 दिन के अंदर आवेदन को सत्यापित करता है। इस प्रकार 15 वें दिन जनपद सीईओ के डिजिटल सिग्नेचर से संबल कार्ड ऑनलाइन जारी कर दिया जाता है।

Created On :   1 Sept 2025 2:55 PM IST

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