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बाउंड्री काउंट नियम को हटाने के बाद ICC पर भड़के नीशम, ट्विटर पर कसा तंज

हाईलाइट
- नीशम ने ट्वीट किया, एजेंडा में अगला कदम: टाइटेनिक पर आइस स्पोटर्स के लिए अच्छी दूरबीन
- वर्ल्ड कप फाइनल में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड का मैच 50 ओवरों में टाई रहा था और इसके बाद सुपर ओवर में भी मैच टाई रहा था
- सुपर ओवर भी टाई होने के बाद बाउंड्री के आधार पर इंग्लैंड को वर्ल्ड कप विजेता घोषित किया गया था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने अपने उस नियम को हटा दिया है। जिसके बूते इसी साल खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल के विजेता का फैसला हुआ था। इस नियम के तहत उप-विजेता बनी न्यूजीलैंड के खिलाड़ी जिम्मी नीशम ने इस पर ICC की टांग खिंचाई की। नीशम ने ट्वीट किया, एजेंडा में अगला कदम: टाइटेनिक पर आइस स्पोटर्स के लिए अच्छी दूरबीन। इस ट्वीट के साथ नीशम ने उस स्टोरी का लिंक भी लगाया है। जिसमें इस ICC द्वारा इस नियम को हटाने की खबर है।
वर्ल्ड कप फाइनल में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड का मैच 50 ओवरों में टाई रहा था और इसके बाद सुपर ओवर में भी मैच टाई रहा था। जिसके बाद फैसला इस बात पर निकला था कि किस टीम ने मैच में ज्यादा बाउंड्री लगाई हैं। यहां इंग्लैंड टीम बाजी मार ले गई थी और पहली बार विश्व विजेता बनी थी। ICC की मुख्य कार्यकारी समिति ने सोमवार को फैसला किया कि वह सुपर ओवर के नियम को जारी रखेगी और ज्यादा बाउंड्री मारने वाले नियम को हटा देगी।
ICC ने एक बयान में कहा, क्रिकेट समिति और सीईसी (ICC चीफ एक्जीक्यूटिव कमेटी) ने इस बात पर सहमति जाहिर की है कि सुपर ओवर उत्साहजनक और खेल का फैसला करने के लिए सही है, इसलिए यह वनडे और टी-20 वर्ल्ड कप में बना रहेगा। बयान में कहा गया है, ग्रुप दौर में अगर सुपर ओवर टाई रहता है तो मैच टाई ही रहेगा। सेमीफाइनल और फाइनल में सुपर ओवर के नियमों में एक बदलाव किया गया है कि, जब तक एक टीम जीत नहीं जाती तब तक सुपर ओवर जारी रहेगा। वर्ल्ड कप फाइनल में इंग्लैंड को न्यूजीलैंड के मुकाबले ज्यादा बाउंड्री लागने के कारण विश्व विजेता बना दिया गया था। इस नियम की काफी आलोचना हुई थी।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।